जम्मू और कश्मीर की अर्थव्यवस्था

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  • जम्मू और कश्मीर के अधिकांश लोग जीवन निर्वाह के लिए कृषि में लगे हैं और चावल, मक्का, गेहूँ, जौ, दालें, तिलहन तथा तम्बाकू सीढ़ीनुमा पहाड़ी ढलानों पर उगाते हैं।
  • कश्मीर की घाटी में बड़े-बड़े बाग़ों में सेब, नाशपाती, आडू, शहतूत, अखरोट और बादाम उगाए जाते हैं।
  • कश्मीर की घाटी भारतीय उपमहाद्वीप के लिए एकमात्र केसर उत्पादक है।
  • गूजर और गद्दी ख़ानाबदोशों के द्वारा भेड़, बकरी, यॉक व खच्चरों का पालन और ऋतु प्रवास किया जाता है।
  • कश्मीर के प्रसिद्ध पश्मीना का उत्पादन यहीं पाली जाने वाली बकरियों से होता है। रेशम पालन भी बहुत प्रचलित है।
  • राज्य की अर्थव्यवस्था हस्तकला उद्योगों, जैसे हथकरघा से स्थानीय रेशम व ऊन की बुनाई, गलीचा और दरी बुनना, लकड़ी पर नक़्क़ाशी काग़ज़ की लुग्दी की कारीगरी आदि पर निर्भर है।
  • परिशुद्धता की जाँच करने वाले उपकरण, धातु के बर्तन, खेल का सामान, फ़र्नीचर, माचिस और राल व तारपीन मुख्य औद्यागिक उत्पादन हैं।
  • पर्यटन यहाँ का प्राचीनतम उद्योग है। इस ऊबड़-खाबड़ और वनाच्छादित क्षेत्र में यातायात एक महत्त्वपूर्ण समस्या है। जम्मू, भारत के उत्तरी रेलवे का अन्तिम स्टेशन है।


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