महमूद ख़िलजी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search

महमूद ख़िलजी / Mahmud Khilji

40px पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार करने में सहायता कर सकते हैं।

मालवा के सुल्तान महमूद ग़ोरी (1432-36 ई॰) (दे॰) का वजीर उसने अपने मालिक को जहर देकर मार डाला और 1436 ई॰ में उसकी गद्दी छीन ली। उसने 1436 ई॰ से 1669 ई॰ में अपनी मृत्यु तक शासन किया और मालवा में ख़िलजी वंश चलाया। उसका जीवन पड़ोसी राजाओं-गुजरात के सुल्तान, मेवाड़ के राणा कुम्भा तथा निज़ाम शाह बहमनी से युद्ध करने में बीता। उसने राज्य का काफी विस्तार किया तथा कई सुन्दर इमारतें बनवायीं, जिनमें राजधानी मांडू में निर्मित एक सतखंडी मीनार भी थी।

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः