यज्ञपुर

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यज्ञपुर को जाजपुर अथवा जाजनगर (उड़ीसा)के नाम से भी जाना जाता था। यज्ञपुर वैतरणी नदी के तट पर स्थित है कहा जाता है कि इसकी स्थापना उड़ीसा के राजा ययाति केसरी ने छठी शती ई० में की थी। यह प्राचीन पौराणिक स्थान है जहां किंवदंती के अनुसार पृथ्वी 'यज्ञ वेदी' के रूप मे पूजित हुई थी। वैखानस का स्वयंभू नामक आश्रम इसी स्थान पर था। पीछे यज्ञपुर को विष्णु का गदाक्षेत्र भी माना गया है। इस स्थान का उल्लेख महाभारत वनपर्व मे पांडवों की तीर्थ यात्रा के प्रसंग में भी है। इसको महाभारत में 'विरजा क्षेत्र' भी कहा गया है। विरजा का अर्थ रजोगुणहीन देवी माना जाता था। विरजा ययाति केसरी की इष्ट देवी थी। 1421 ई० में मालवा के सुल्तान होशंगशाह ने जाजनगर पर आक्रमण किया था। जाजपुर में वैतरणी के तट पर यज्ञदेवी के चिन्ह आज भी देखे जा सकते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • पुस्तक- ऐतिहासिक स्थानावली, लेखक-विजयेन्द्र कुमार माथुर, प्रकाशन- राजस्थान ग्रंथ अकादमी जयपुर, पृष्ठ संख्या-768

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