हिमतक्षेस

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हिमतक्षेस हिन्द महासागर के तटवर्ती देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से स्थापित एक संगठन है। इस संगठन के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र की आबादी करीब दो अरब साठ करोड़ है, जो दुनिया की आबादी का करीब एक तिहाई है। वैश्विक जीडीपी में इसका योगदान करीब 10 फीसदी है। हिमतक्षेस का सचिवालय मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुइस में है।

स्थापना तथा सदस्य

‘हिमतक्षेस’ हिन्द महासागर के तटवर्ती देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से स्थापित किया गया एक संगठन है। मार्च, 1997 में भारत और 13 अन्य देशों ने इसकी स्थापना की थी। संगठन में एशिया, अफ़्रीका और ऑस्ट्रेलिया के वे देश शामिल हैं, जो हिन्द महासागर के तट पर बसे हुए हैं। फिलहाल 20 देश इसके सदस्य हैं- भारत, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, ईरान, केन्या, मलेशिया, मेडागास्कर, मॉरीशस, मोजाम्बिक, ओमान, सेशल्स, सिंगापुर, दक्षिण अफ़्रीका, श्रीलंका, तंजानिया, थाईलैंड, यमन, संयुक्त अरब अमीरातवर्ष 2012 में गुड़गांव में आयोजित सम्मेलन में इस संगठन में कोमोरोस को भी शामिल कर लिया गया था।[1]

डायलॉग पार्टनर

कई देशों की हिन्द महासागर से जुड़ी घटनाओं में पूरी रुचि है। हिन्द महासागर के तटवर्ती देश नहीं होने के बावजूद वे इस संगठन से जुड़ने में दिलचस्पी रखते हैं। इसीलिए सदस्य देशों के अलावा इसके निम्नलिखित छह डायलॉग पार्टनर भी हैं-

  1. चीन
  2. मिस्र
  3. फ़्राँस
  4. जापान
  5. ब्रिटेन
  6. अमेरिका

इनमें से कई देश सदस्य बनने के भी इच्छुक हैं। इसके अलावा हिमतक्षेस में दो प्रेक्षक भी हैं- 'इंडियन ओसन रिसर्च ग्रुप' और 'इंडियन ओसन टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन'।

पाकिस्तान को रखा गया है दूर

पाकिस्तान की कोशिशों और हिन्द महासागर के तटवर्ती देश होने के बावजूद उसे इसका सदस्य या डायलॉग पार्टनर नहीं बनाया गया है। ऐसा हिमतक्षेस को द्विपक्षीय की जगह बहुपक्षीय संबंधों का केंद्र बनाने के लिए किया गया है।

निर्णय के लिए सीओएम

हिमतक्षेस से जुड़े सभी अहम निर्णय 'काउंसिल ऑफ़ मिनिस्टर्स' (सीओएम) की बैठक में लिये जाते हैं। प्रत्येक वर्ष इस बैठक का आयोजन किया जाता है। नवंबर, 2012 में सीओएम की 12वीं बैठक गुड़गांव, हरियाणा में हुई थी। बैठक में सदस्य देशों के बीच व्यापार और वाणिज्य बढ़ाने के लिए 'बिजनेस टू बिजनेस' बैठक आयोजित करने पर सहमति हुई थी।

महासचिव

सीओएम हिमतक्षेस के महासचिव की नियुक्ति तीन वर्ष के लिए करता है, जिसे और एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है। सदस्य देशों द्वारा नामित व्यक्तियों में से योग्यता, अनुभव और पात्रता के आधार पर महासचिव की नियुक्ति की जाती है। भारत के वी. भगीरथ इसके महासचिव रहे हैं।[1]

महत्त्वपूर्ण बिन्दु

  • वर्ष 1997 में हिमतक्षेस की स्थापना के चार्टर को अपनाया गया था।
  • हिमतक्षेस का अंतर- क्षेत्रीय व्यापार 777 बिलियन डॉलर का है।
  • वर्ष 1994 में इसका 233 बिलियन डॉलर का अंतरक्षेत्रीय व्यापार था।
  • 33 फीसदी गैस भंडार हिमतक्षेस में मौजूद है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 हिमतक्षेस, समृद्धि और सुरक्षा के लिए सहयोग (हिन्दी) प्रभातखबर.कॉम। अभिगमन तिथि: 07 फरवरी, 2014।

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