केनिया
thumb|250px|केनिया का ध्वज केनिया पूर्वी अफ़्रीका का एक राज्य, जो 12 दिसंबर, 1963 को अंग्रेज़ों के चंगुल से स्वतंत्र हुआ था। इस राज्य का क्षेत्रफल लगभग 2,25,960 वर्ग मील है। भूमध्य रेखा इस देश के मध्य से जाती है और इसका प्रभाव यहाँ की जलवायु, वनस्पति तथा कृषि पर पड़ता है। यहाँ पठार का अधिकांश भाग सवाना घास का प्रदेश है। आर्थिक दृष्टि से यह अफ़्रीका सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रदेश है।
इतिहास तथा नामकरण
स्वतंत्रता से पूर्व केनिया ब्रिटिश शासन के अंतर्गत एक संरक्षित राज्य था। यह 'ईस्ट अफ़्रीकन प्रोटेक्टोरेट' कहलाता था और उसका शासन प्रबंध इंग्लैंड का विदेश विभाग करता था। 1 अप्रैल, 1905 को उसका प्रबंध उपनिवेश विभाग ने अपने हाथों में लिया। 1920 ई. में उसे 'क्राउन कालोनी' बना दिया गया। तभी उसका नामकरण वहाँ के प्रमुख पर्वत 'केनिया' के नाम पर किया गया।[1]
भौगोलिक तथ्य
केनिया का क्षेत्रफल लगभग 2,25,960 वर्गमील है। वर्ष 1969 की जनगणना के अनुसार यहाँ की जनसंख्या 1,09,42 708 थी, जिनमें 1,07,71,192 अफ्रीकी, 1,37,037 एशियाई, 40,593 यूरोपियन और 27,886 अरब थे। नैरोबी इसकी राजधानी है। इसकी पश्चिमी सीमा 'विक्टोरिया झील' तथा यूगांडा राज्य बनाता है। पूर्व, उत्तर, उत्तर-पश्चिम तथा दक्षिण की ओर क्रमश: सोमालिया, इथिओपिया, सूडान तथा टैंगेनिका राज्य हैं। दक्षिण-पूर्वी सीमा अरब सागर बनाता है। भूमध्य रेखा इस देश के मध्य से जाती है और इसका प्रभाव यहाँ की जलवायु, वनस्पति तथा कृषि पर पड़ता है।
प्राकृतिक विभाग
केनिया को चार प्राकृतिक विभागों में विभाजित किया जा सकता है-
- तटीय मैदान
- नील का पठार
- पूर्वी घाटी
- विक्टोरिया झील तक फैला पठार
पूर्वी तटीय भागों में औसत वर्षा 40 से 60 इंच तक होती है, जो उत्तर की ओर कम होती जाती है। चरम उत्तर में केवल 20 इंच औसत वर्षा होती है। तटीय भाग तथा उत्तर का मैदान कँटीली झाड़ियों और सूखी वनस्पति का प्रदेश है, अत: मनुष्यों के लिये अधिक आकर्षक नहीं है। पठार का अधिकांश भाग सवाना घास का प्रदेश है। आर्थिक दृष्टि से देश का यह सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रदेश है। देश की अधिकांश जनसंख्या भी इसी प्रदेश में निवास करती है। पठार की औसत ऊँचाई 6000-7000 फुट है तथा केनिया पर्वत (17,040 फुट) सर्वोच्च शिखर है। ऊँचाई के कारण यह अपेक्षाकृत ठंढा है।[1]
कृषि तथा उद्यम
इस प्रदेश के विस्तृत भागों में ज्वालामुखी की उपजाऊ मिट्टी पाई जाती है। इसी कारण समय-समय पर यूरोपीय लोग बड़ी संख्या में यहाँ आकर बस गए और कृषि आरंभ की। कहवा, सीसल, चाय, मक्का और गेहूँ यहाँ की प्रधान उपज हैं। वनों से विभिन्न वस्तुएँ एकत्रित करना, न्यांडा प्रांत से सोना निकालना, मागदी झील से सोडा कार्बेनेट निकालना केनिया के अन्य प्रमुख उद्यम हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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