सोमालिया
thumb|250px|सोमालिया का ध्वज सोमालिया (अंग्रेज़ी: Somalia) अफ़्रीका के पूर्वी किनारे पर स्थित एक देश है, जिसे पूर्व में सोमाली लोकतांत्रिक गणराज्य के नाम से जाना जाता था। इसके उत्तर-पश्चिम में जिबूती, दक्षिण पश्चिम में केन्या, उत्तर में अदन की खाड़ी, पूर्व में हिन्द महासागर और पश्चिम में इथियोपिया स्थित है।
इतिहास
आधिकारिक तौर पर संघीय गणराज्य सोमालिया को पूर्व में सोमाली लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में जाना जाता है। प्राचीन काल में सोमालिया बाकी दुनिया के साथ वाणिज्य के लिए एक महत्त्वपूर्ण केंद्र हुआ करता था। इसके नाविक और व्यापारी लोबान, मसाले और उन तमाम वस्तुओं के मुख्य आपूर्तिकर्ता थे, जिन्हें प्राचीन मिस्री, फोनिशियाई, मेसेनिशियाई और बेबिलोन निवासियों द्वारा मूल्यवान माना जाता था। विद्वानों के अनुसार सोमालिया वह स्थान भी था, जहाँ पुन्त का प्राचीन राज्य स्थित था। प्राचीन पुन्तितेस ऐसे लोगों का देश था, जिनका प्राचीन मिस्र के साथ राजा फारोह सहुरे और रानी हत्शेपसट के दौर में घनिष्ठ संबंध था। सोमालिया के आसपास बिछी हुई पिरामिड संरचनाएं, मंदिर और तराशी हए पत्थर के प्राचीन घर इस अवधि के माने जाते हैं।
अफ़्रीका महाद्वीप का ऐतिहासिक राष्ट्र सोमालिया दुनिया में इसलिए भी जाना जाता है, क्योंकि पैग़म्बर मोहम्मद साहब का संदेश मक्का के बाद सर्वप्रथम जिस राष्ट्र में गया था, वह सोमालिया ही था। यह उस समय 'हब्शा' कहलाता था। जब अरब में अत्याचार बढ़ा, तब मोहम्मद साहब के कुछ अनुयाइयों ने यहीं जाकर शरण ली थी और यहां के ईसाई राजा अस्महा बिन अबहर ने इन प्रथम मुस्लिम शरणार्थियों को आज़ादी के साथ रहने की इजाज़त दी थी। मोहम्मद साहब के अनुयाइयों ने जिस स्थान को अपनी शरण स्थली बनाया था, वह आज सोमालिया के शहर ज़ीला का हिस्सा है।[1]
निर्धनतम देश
सोमालिया की वर्तमान राजधानी मोगादेशू अफ़्रीका में इस्लाम का एक केंद्र थी, लेकिन जिस धरती ने मक्का के बाद सर्वप्रथम मोहम्मद साहब के अनुयाइयों को शरण दी, आज वहीं 99 प्रतिशत मुस्लिम आबादी भूख, प्यास और भयंकर सूखे की चपेट में है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, सोमालिया दुनिया के निर्धनतम देशों में से एक है, जबकि प्रकृति ने इसे विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक संपदाओं से मालामाल कर रखा है। यहां तेल, यूरेनियम, गैस एवं स्वर्ण की खानें बड़ी मात्रा में मौजूद हैं, परंतु इसके बावजूद गत दो दशकों में 20 लाख लोग अनाज की कमी से तड़प-तड़प कर मर चुके हैं, जिनमें बच्चों की संख्या 30 हज़ार बताई जाती है। सोमालिया में प्राकृतिक संपदा एवं संसाधन बहुत हैं, लेकिन कुशल नेतृत्व के अभाव और बाहरी हस्तक्षेप के चलते देश ग़रीबी के दलदल में फंसता चला गया। नतीजा यह हुआ कि आज यह दुनिया के सबसे निर्धनतम देशों में गिना जाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ सोमालिया : बदहाली की असल वजह नेतृत्व का अभाव और बाहरी हस्तक्षेप (हिन्दी) थौथी दुनिया। अभिगमन तिथि: 03 फ़रवरी, 2015।
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