रावतभाटा परमाणु ऊर्जा संयंत्र

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 07:41, 17 May 2017 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''रावतभाटा परमाणु ऊर्जा संयंत्र''' का भारत के परमाण...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

रावतभाटा परमाणु ऊर्जा संयंत्र का भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रमों में महत्त्वपूर्ण स्थान है। राजस्थान स्थित रावतभाटा, कोटा से करीब 65 किलोमीटर दूर है। यह अपने आप में कई मामलों में प्रथम स्थान रखता है। यह प्रथम दाबित भारी जल संयंत्र है। अभी तक यह पहला बेहद अत्याधुनिक तकनीक एवं प्रौद्योगिकी से बनाया गया दाबित भारी जल संयंत्र है। परमाणु ऊर्जा के निर्बाद्ध उत्पादन में रावतभाटा परमाणु ऊर्जा संयंत्र दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादन केंद्र बन गया है।

स्थापना

जब भी परमाणु ऊर्जा से उत्पन्न होने वाली बिजली की बात की जाती है तो राजस्थान का नाम पहले सामने आता है। दरअसल, राजस्थान का रावतभाटा परमाणु ऊर्जा संयंत्र देश का दूसरा परमाणु विद्युत संयंत्र है। इसकी स्थापना चार दशक पहले की गई थी। यह अपने बिजली उत्पादन क्षमता के लिए जाना जाता है। रावतभाटा परमाणु ऊर्जा संयंत्र 1240 मेगावाट की क्षमता वाला स्टेशन है। पिछले 10 साल में सबसे कम 2010 में बिजली का उत्पादन (1202 लाख यूनिट) हुआ। 2013 में सबसे ज्यादा बिजली नवंबर में 767 लाख यूनिट बनाई गई।[1]

बिजली उत्पादन के क्षेत्र में भारत ने बड़ी सफलताएं हासिल की हैं। इसमें विज्ञान का अहम योगदान है। रावतभाटा परमाणु ऊर्जा संयंत्र एक ऐसे परमाणु ऊर्जा केंद्र के रूप में स्थापित है, जिसने 2013 में रिकॉर्ड बिजली का उत्पादन किया था। भारत में बिजली उत्पादन के क्षेत्र में परमाणु ऊर्जा का अहम योगदान है। विकासशील देश होने के कारण भारत की सम्पूर्ण विद्युत आवश्यकताओं का एक बड़ा भाग गैर पारम्परिक स्रोतों से पूरा किया जाता है। इसका कारण है, यहां की जनसंख्या। इस कारण पारम्परिक स्रोतों द्वारा बढ़ती हुई आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया जा सकता। ऐसे में हमारी निर्भरता थर्मल पावर स्टेशन से उत्पन्न होने वाली बिजली पर बढ़ जाती है।

कीर्तिमान

रावतभाटा परमाणु ऊर्जा संयंत्र ने बिजली उत्पादन के क्षेत्र में कई कीर्तिमान अपने नाम किए हैं-

  1. इसकी 195 मेगावाट क्षमता की सातवीं इकाई ने 2013 में बिना किसी व्यवधान के लगातार 150 दिन तक विद्युत उत्पादन कर कीर्तिमान स्थापित किया था।
  2. 2013 में इस इकाई ने 360 करोड़ रुपये का बिजली उत्पादन किया, जो एक कीर्तिमान है। यह इकाई 14 दिसंबर, 2012 से पूर्ण क्षमता पर विद्युत उत्पादन कर रही है।
  3. 195 मेगावाट क्षमता वाली इकाई संख्या 6 ने वर्ष 2011-2012 में 147 दिन लगातार विद्युत उत्पादन का रिकॉर्ड बनाया था।
  4. कोटा डैम स्थित जवाहरसागर पन बिजलीघर ने 2013 में 139 करोड़ 68 लाख की बिजली बनाई है। इस पन बिजली घर ने भी 7 साल बाद बिजली उत्पादन का कीर्तिमान बनाया है। यहां पर 3432.40 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः