शाप

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 10:48, 21 March 2011 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
Jump to navigation Jump to search
  • क्रोधपूर्वक किसी के अनिष्ट का उदघोष 'शाप' कहलाता है।
  • विशेषकर ऋषि, मुनि, तपस्वी आदि के अनिष्ट शब्दों को शाप कहते हैं।
  • किसी महान नैतिक अपराध के हो जाने पर शाप दिया जाता था।
  • इसके अनेक उदाहरण प्राचीन साहित्य में उपलब्ध हैं।
  • गौतम ने पतिव्रत भंग के कारण अपनी पत्नी अहल्या को शाप दिया था कि वह शिला हो जाये।
  • दुर्वासा ऋषि अपने क्रोधी स्वभाव के कारण शाप देने के लिए प्रसिद्ध थे।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः