दशपुर

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  • दशपुर गुप्तकालीन भारत का मालवा सम्भाग का प्राचीन नगर है, जिसे आधुनिक मध्य प्रदेश के मन्दसौर नगर से समीकृत किया जाता है।
  • यह स्थल क्षिप्रा की एक सहायक नदी सिवन के तट पर स्थित था। आस-पास के लोगों द्वारा दशपुर को आज भी दसौर कहा जाता है। पेरिप्लस ऑव एरिथ्रियन सी में दशपुर को मिन्नगल कहा गया है।
  • कालिदास ने मेघदूत में इसकी स्थिति उज्जयिनी के पश्चात और चम्बल नदी के उत्तर में बतायी है, जो वर्तमान मन्दसौर की स्थिति से मेल खाती है।
  • पूर्वकालीन सातवाहनों ने शक शासक नहपान के अधिकार से दशपुर सहित कुछ अन्य स्थान छीन लिये थे।
  • नहपान के समय दशपुर में अनेक लोकोपयोगी कार्य किये गये थे।
  • कुमारगुप्त द्वितीय के शासनकाल का प्रसिद्ध अभिलेख (472 ई.) दशपुर से प्राप्त हुआ है, जिसमें लाट देश के रेशम के व्यापारियों का दशपुर में आकर बस जाने का वर्णन हैं।
  • कुमारगुप्त द्वितीय ने दशपुर में एक सूर्य मन्दिर का निर्माण करवाया। इस लेख से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि गुप्तों के समय इस नगर की पश्चिमी मालवा के एक प्रमुख नगर के रूप में ख्याति थी।
  • दशपुर नगर के मकान धवल, बहुत ऊँचे तथा कई तल्लों के बने हुए थे।
  • मन्दसौर में गुप्तकाल के अनेक मन्दिरों के अवशेष प्राप्त हुए हैं। पाँचवीं शताब्दी में यहाँ के शासक यशोवर्मन द्वारा हूण आक्रांता मिहिरकुल को परास्त किया गया।


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