अपरताल

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 08:13, 15 September 2011 by फ़ौज़िया ख़ान (talk | contribs) ('{{पुनरीक्षण}} वाल्मीकि-रामायण<ref>[[रामायण|वाल्...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

वाल्मीकि-रामायण[1] में इस स्थान का उल्लेख अयोध्या के दूतों की केकय देश[2] की यात्रा के प्रसंग में है-

'न्यन्ते नापरतालस्य प्रलम्बस्योत्तरं प्रति निषेवमाणाजग्मुर्नदीमध्येन मालिनीम्'।

इस देश के संबंध में मालिनी नदी का उल्लेख होने से यह जान पड़ता है कि इस देश में ज़िला बिजनौर और गढ़वाल[3] का कुछ भाग सम्मिलित रहा होगा। मालिनी गढ़वाल के पहाड़ों से निकल कर बिजनौर नगर से 6 मील दूर गंगा में रावलीघाट के निकट मिलती है। इसके आगे दूतों के हस्तिनापुर में पहुंच कर गंगा को पार करने का उल्लेख है (68,13)। इससे भी यह अभिज्ञान ठीक ही जान पड़ता है। प्रलंब बिजनौर ज़िले का दक्षिण भाग था क्योंकि उपर्युक्त उद्धरण में उसे मालिनी के दक्षिण में बताया गया है। मालिनी इस ज़िले के उत्तरी भाग में बहती है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. वाल्मीकि-रामायण अयोध्याकांड 68,12
  2. पंजाब के अंतर्गत
  3. उत्तर प्रदेश

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः