चौसा का युद्ध

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 11:03, 3 March 2013 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "सिक़्क़े" to "सिक्के")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

चौसा का युद्ध भारतीय इतिहास में लड़े गये महत्त्वपूर्ण युद्धों में से एक है। यह युद्ध 26 जून, 1539 ई. को मुग़ल बादशाह बाबर के पुत्र हुमायूँ एवं शेर ख़ाँ (शेरशाह) की सेनाओं के मध्य गंगा नदी के उत्तरी तट पर स्थित 'चौसा' नामक स्थान पर लड़ा गया था।

  • चौसा का यह महत्त्वपूर्ण युद्ध हुमायूँ अपनी कुछ ग़लतियों के कारण हार गया।
  • युद्ध में मुग़ल सेना की काफ़ी तबाही हुई और उसे बहुत नुकसान उठाना पड़ा।
  • हुमायूँ युद्ध क्षेत्र से भाग निकला और एक भिश्ती का सहारा लेकर किसी तरह गंगा नदी पार करके अपनी जान बचाई।
  • जिस भिश्ती ने चौसा के युद्ध में हुमायूँ की जान बचाई थी, उसे हुमायूँ ने एक दिन के लिए दिल्ली का बादशाह बना दिया था।
  • चौसा के युद्ध में सफल होने के बाद शेर ख़ाँ ने अपने को 'शेरशाह' नाम की उपाधि से सुसज्जित किया, साथ ही अपने नाम के खुतबे खुदवाये तथा सिक्के ढलवाने का आदेश दिया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः