उमीदों के कई रंगीं फ़साने ढूँढ़ लेते हैं जिन्हें जीना है जीने के बहाने ढूँढ़ लेते हैं न सूझे है कहाँ जाकर छुपूँ कैसे बचूँ इनसे ये बैरी ग़म मेरे सारे ठिकाने ढूंढ़ लेते हैं हम उनसे दोस्ती का इक बहाना ढूंढ़ते जब तक वो तब तक दुश्मनी के सौ बहाने ढूंढ़ लेते हैं ख़फ़ा है हमसे ये दुनिया हमारा है कुसूर इतना समझदारी से हम कुछ पल सुहाने ढूंढ़ लेते हैं मेरी बातों का अक्सर मान जाते हैं बुरा यूँ ही वो जाने क्या मेरे लफ़्ज़ों के माने ढूंढ़ लेते हैं किसी से उनको क्या मतलब, मगर हाँ वक़्त पड़ने पर ज़माने भर से अपने दोस्ताने ढूँढ़ लेते हैं करो मत फ़िक्र, वो दो वक़्त की रोटी जुटा लेगा परिन्दे भी ‘अकेला’ चार दाने ढूँढ़ लेते हैं
अशोक चक्रधर · आलोक धन्वा · अनिल जनविजय · उदय प्रकाश · कन्हैयालाल नंदन · कमलेश भट्ट कमल · गोपालदास नीरज · राजेश जोशी · मणि मधुकर · शरद जोशी · प्रसून जोशी · कुमार विश्वास · डॉ. तुलसीराम · रमाशंकर यादव 'विद्रोही' · बागेश्री चक्रधर