रिंग रोड पर मिल गए नेता जी बलवीर। कुत्ता उनके साथ था पकड़ रखी जंजीर॥ पकड़ रखी जंजीर अल्शेशियन था वह कुत्ता। नेता से दो गुना भौंकने का था बुत्ता॥ हमने पूछा, कहो, आज कैसे हो गुमसुम। इस गधे को लेकर कहाँ जा रहे हो तुम॥ नेता बोले क्रोध से करके टेढ़ी नाक। कुत्ता है या गधा है, फूट गईं हैं आँख॥ फूट गईं हैं आँख, नशा करके आए हो। बिना बात सुबह-सुबह लड़ने आए हो॥ हमने कहा कि कौन आपसे जूझ रहे हैं। यह सवाल तो हम कुत्ते से पूछ रहे हैं॥