चांपा

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चांपा छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक महत्त्वपूर्ण नगर है। वर्तमान समय में इस नगर को 'कोसा', 'कांसा' और 'कंचन' की नगरी कहा जाता है। प्राचीन काल में चांपा एक ज़मींदारी थी। यहाँ के ज़मींदार नेमसिंह के वंशज अपनी ज़मींदारी सदर मुख्यालय मदनपुरगढ़ से चांपा ले आये थे। चांपा छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे गर्म नगर है। औद्योगिक क्षेत्र के अंतर्गत काग़ज़ के लिए प्रसिद्ध चांपा में स्थित 'मध्य भारत पेपर मिल' छत्तीसगढ़ राज्य की ही नही, बल्कि भारत की प्रमुख काग़ज़ मिलों में से एक है।

  • चांपा नगर छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक महत्त्वपूर्ण जंक्शन है, जो 22.2 अंश उत्तरी अक्षांश और 82.43 अंश पूर्वी देशांन्तर पर स्थित है।
  • समुद्र सतह से 500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हसदो नदी के तट पर बसा यह नगर अपने प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है।
  • कोरबा रोड में मड़वारानी की पहाड़ियाँ, मदनपुर की झांकियाँ, बिछुलवा नाला, केरा झरिया, हनुमान धारा और पीथमपुर के छोटे-बड़े मंदिर चांपा को दर्शनीय बनाते हैं।
  • चांपा का रामबांधा देव-देवियों के मंदिरों से सुशोभित और विशाल वृक्षों से परिवेष्ठित और राजमहल का मनोरम दृश्य है।
  • यहाँ मित्रता के प्रतीक समलेश्वरी देवी और जगन्नाथ मठ उड़िया संस्कृति की साक्षी हैं।
  • डोंगाघाट स्थित श्रीराम पंचायत, वीर बजरंगबली, राधा-कृष्ण का भव्य मंदिर, तपसी बाबा का आश्रम, मदनपुर की महामाया और मनिकादेवी, हनुमान धारा में हनुमान मंदिर, पीथमपुर का कलेश्वरनाथ का मंदिर और कोरबा रोड में मड़वारानी का मंदिर छत्तीसगढ़ी संस्कृति का जीता जागता उदाहरण है।


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