के. चन्द्रशेखर राव

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कल्वाकुंतला चन्द्रशेखर राव (अंग्रेज़ी: Kalvakuntla Chandrashekar Rao ; जन्म- 17 फ़रवरी, 1954, मेदक ज़िला, आन्ध्र प्रदेश) नवगठित राज्य तेलंगाना के प्रथम मुख्यमंत्री हैं। वे 'तेलंगाना राष्ट्र समिति' के प्रमुख हैं। के. चन्द्रशेखर राव को अलग तेलंगाना राष्ट्र आंदोलन के प्रमुख कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है। चन्द्रशेखर जी 15वीं लोकसभा के सदस्य हैं। केंद्र में श्रम और नियोजन मंत्री के पद को भी वे सुशोभित कर चुके हैं। 'तेलंगाना राष्ट्र समिति' के गठन से पहले चन्द्रशेखर राव 'तेलगू देशम पार्टी' के सदस्य थे। उन्होंने अलग तेलंगाना राज्य के निर्माण की मांग करते हुए 'तेलगू देशम पार्टी' छोड़ दी थी।

जन्म तथा शिक्षा

के. चन्द्रशेखर राव का जन्म 17 फ़रवरी, 1954 को आन्ध्र प्रदेश में मेदक ज़िले के चिंतामदका नामक ग्राम में हुआ था। इन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा आन्ध्र प्रदेश में ही पाई और फिर हैदराबाद के 'उस्मानिया विश्वविद्यालय' से तेलुगू साहित्य में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। के. चन्द्रशेखर राव ने वर्ष 1970 में अपने कॉलेज और विश्वविद्यालय से पढ़ाई के साथ ही राजनीति की शुरुआत कर दी थी।[1]

विवाह

चन्द्रशेखर जी का विवाह शोभा से हुआ, जिससे उन्हें दो संतान हुईं। एक पुत्र, जिनका नाम कल्वाकुंतला तारक रामाराव है, वह विधानसभा के सदस्य हैं। पुत्री का नाम कल्वाकुंतला कविता है, जो सामाजिक कार्यकर्ता हैं।

राजनीतिक सफर

राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने से पहले के. चन्द्रशेखर राव एक रोजगार सलाहकार थे और कामगारों को खाड़ी देशों में भेजते थे। उनके राजनीतिक सफर के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं-

  1. के. चन्द्रशेखर राव 1985 में 'तेलुगु देशम पार्टी' में शामिल हुए और विधायक चुने गए।
  2. वर्ष 1987 से 1988 तक वे आन्ध्र प्रदेश में राज्यमंत्री रहे।
  3. 1992 से 1993 तक वे 'लोक उपक्रम समिति' के अध्यक्ष रहे।
  4. इसके बाद 1997 से 1999 तक के. चन्द्रशेखर राव केंद्रीय मंत्री बने।
  5. 1999 से 2001 तक आन्ध्र प्रदेश विधानसभा में उपाध्यक्ष का पद भी उन्होंने सम्भाला।
  6. 'तेलंगाना राष्ट्र समिति' के गठन से पहले वे 'तेलुगु देशम पार्टी' के सदस्य थे। बाद में अलग तेलंगाना राज्य के निर्माण की मांग करते हुए उन्होंने 'तेलुगू देशम पार्टी' छोड़ दी।
  7. 'तेलंगाना राष्ट्र समिति' ने 2004 में कांग्रेस के साथ लोकसभा चुनाव लड़ा और 5 सीटें जीतीं। 2004 से 2006 तक के. चन्द्रशेखर राव ने 'केंद्रीय श्रम और नियोजन मंत्री' के पद पर कार्य किया।
  8. 2006 में उन्होंने संसद की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया और फिर हुए चुनावों में भारी बहुमत से सांसद चुने गए।
  9. 2008 में के. चन्द्रशेखर राव ने अपने 3 सांसदों और 16 विधायकों के साथ फिर इस्तीफ़ा दिया और अगली बार पुन: सांसद चुने गए।
  10. जून, 2009 तक वे यूपीए सरकार में थे, लेकिन अलग तेलंगाना राष्ट्र पर यूपीए के नकारात्मक रवैए के कारण उन्होंने यूपीए को छोड़ देना ही ठीक समझा।[1]

मुख्यमंत्री

के. चन्द्रशेखर राव की मुख्य मांग अलग तेलंगाना राज्य का निर्माण थी, जिसे लेकर उन्होंने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की भी घोषणा की थी। इसके चलते उन्हें करीमनगर से गिरफ़्तार भी किया गया था। इस बीच रॉयल तेलंगाना की मांग सामने आने पर उन्होंने कहा था कि "उक्त मांग हमारी मांग के पूरी तरह ख़िलाफ़ है। हमने मौजूदा आन्ध्र प्रदेश के सिर्फ़ दस ज़िलों वाले एक अलग तेलंगाना राज्य की मांग की थी, जिसकी राजधानी हैदराबाद हो और हैदराबाद पर किसी तरह की पाबंदी न हो।" 15वीं लोकसभा के सदस्य के. चन्द्रशेखर राव आन्ध्र प्रदेश के करीमनगर लोकसभा क्षेत्र का ही प्रतिनिधित्व करते हैं। 2 जून, 2014 को वे तेलंगाना के प्रथम मुख्यमंत्री बने।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 के. चन्द्रशेखर राव प्रोफाइल (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 02 जून, 2014।

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