Revision as of 13:11, 7 February 2015 by गोविन्द राम(talk | contribs)('{| class="bharattable-pink" align="right" |+ संक्षिप्त परिचय |- | * फ़िल्म : संबंध (196...' के साथ नया पन्ना बनाया)
हज़ारों मील लम्बे रस्ते तुझको बुलाते
यहाँ दुखड़े सहने के वास्ते तुझको बुलाते
है कौन सा वो इन्सान यहाँ पे
जिसने दुःख ना झेला
चल अकेला चल अकेला चल अकेला...
तेरा कोई साथ न दे तो
तू खुद से प्रीत जोड़ ले
बिछौना धरती को करके
अरे आकाश ओढ़ ले
पूरा खेल अभी जीवन का
तूने कहाँ है खेला
चल अकेला चल अकेला चल अकेला
तेरा मेला पीछे छूटा राही चल अकेला