तृतीया

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 07:45, 7 November 2017 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replacement - "अर्थात " to "अर्थात् ")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
  • सूर्य और चन्द्र का अन्तर 25° से 36° तक होने पर तृतीया तिथि होती है।
  • शुक्ल पक्ष की तृतीया 205° से 216° तक अन्तरांश होने पर कृष्ण पक्ष की तृतीया होती है।
  • तृतीया तिथि को ‘ततिया, तइया, तैजा, तीजा, तीज, त्रीज, त्रीजा’ आदि भी कहते हैं। इस तिथि का विशेष नाम ‘सबला’ है। यह बलवान तिथि मानी जाती है। अतः इसे ‘जया’ नाम से भी जाना जाता है।
  • तृतीया तिथि की स्वामिनी गौरी है।
  • तृतीया तिथि बुधवार को मृत्युदा होती है, परन्तु मंगलवार को सिद्धिदा होती है। बुधवार को तृतीया होने से दग्ध योग हो जाता है, जो शुभ कार्यों में वर्जित है।
  • इस तिथि की दिशा 'आग्नेय' है।
  • शुक्ल पक्ष तृतीया में शिववास सभा में तथा कृष्ण पक्ष की तृतीया को क्रीड़ा में होने से यह दोनों पक्ष की तृतीयायें शिवपूजनार्थ निषिद्ध हैं।
  • यह चन्द्रमा की तीसरी कला है, जिसके अमृत को कृष्ण पक्ष में साक्षात परमात्मा पान करते हैं।
  • ‘तृतीयाऽऽरोग्यदात्री च’ अर्थात् तृतीया आरोग्य देने वाली होती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध


टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः