सौभूत

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 08:16, 8 April 2018 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''सौभूत''' पाणिनिकालीन भारतवर्ष का एक स्थान था, जिसकी...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

सौभूत पाणिनिकालीन भारतवर्ष का एक स्थान था, जिसकी पहचान यूनानी भूगोल लेखकों के सोफाइटीज से की जाती है।

  • यह स्थान कुत्तों की खूंखार नस्ल के लिए प्रसिद्ध था। इससे इसका केकय देश में खिउड़ा के पास होना सूचित होता है, जहां इस प्रकार के महाकाय और महादंष्ट्र कुत्ते होते थे।[1] पाणिनि के समय में भी कुत्तों की यह नस्ल पाई जाती थी।
  • वाल्मीकि ने उसे केकयराज के अंत:पुर में संवर्धित कहा है। संभवत इसी कारण कुत्ते के लिए कौलेयक शब्द लोक में प्रचलित हुआ, जिसका पाणिनि ने उल्लेख किया है।[2][3]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. वाल्मीकि रामायण 70।20
  2. कौलेयक: श्वा, 4।2।96
  3. पाणिनीकालीन भारत |लेखक: वासुदेवशरण अग्रवाल |प्रकाशक: चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी-1 |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 87 |

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः