वायु सेना पदक

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 09:29, 25 May 2020 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) ('thumb|200px|वायु सेना पदक '''वायु सेना पदक''' (...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

thumb|200px|वायु सेना पदक वायु सेना पदक (अंग्रेज़ी: Vayu Sena Medal) भारतीय सैन्य सम्मान है, जिसे सामान्यतः शांति काल में उल्लेखनीय सेवा के लिए दिया जाता है। हालांकि, यह युद्ध काल में भी दिया गया है, किन्तु वीर चक्र के समान संख्या में नहीं। यह सम्मान मरणोपरांत भी दिया जाता है। वायु सेना पदक की स्थापना 17 जून 1960 को भारत के राष्ट्रपति द्वारा की गई थी और 1961 से सम्मान दिए जाने लगे। पिछले एक दशक में ये सम्मान दो विभागों में, वीरता और समर्पण के लिए दिया जाता रहा है।

  • इस पदक में पांच नोकों वाला सितारा बना होता है, यह स्टैंडर्ड चांदी का बना होता है और इसका व्यास 35 मि.मी. होता है। यह पदक 3 मि.मी. चौड़ी धातु की पट्‌टी से जुड़े छल्ले में लगा होता है, इस पट्‌टी पर अशोक की पत्तियां बनी होती हैं। इसके सामने के हिस्से पर बीचों-बीच राज्य चिह्न बना होता है जिसके चारों ओर पत्तियों की माला बनी होती है। इसके पीछे की ओर हिमालयन बाज बना होता है और इसके नीचे पदक का नाम खुदा होता है।[1]
  • इसका फीता 32 मि.मी. चौड़ा होता है, जिस पर केसरिया और हल्के स्लेटी रंग की 3-3 मि.मी. चौड़ी रेखाएं बनी होती हैं, ये रेखाएं दायें से बाईं ओर बनी होती हैं।
  • इस पदक का बार (जब पुनः प्रदान किया जाए) इसके फीते पर लगाया जाता है। जिन अवसरों पर केवल फीता पहना जाता है, उनमें सरकार द्वारा अनुमोदित पैटर्न के अनुसार बनी पदक की लघु प्रतिकृति फीते के बीच में लगाई जाती है।
  • निम्नलिखित श्रेणियों के कार्मिक यह पदक प्राप्त करने के पात्र होंगे-
  1. नियमित वायु सेना के अफसर और वायु सैनिक तथा रिजर्व और सहायक वायु सेना अधिनियम, 1952 की धारा 25 के तहत बुलाई गई सहायक वायु सेना, वायु रक्षा रिज़र्व और नियमित रिज़र्व के अफसर और वायु सैनिक।
  2. विमानन कार्पोरेशन में पायलटों के रूप में सेवारत सैन्य अधिकारी भी इस पदक के पुरस्कार के लिए पात्र होंगे।
  • यह पदक असाधारण कर्तव्यपरायणता अथवा अदम्य साहस के ऐसे व्यक्तिगत कारनामे के लिए प्रदान किया जाता है जो वायु सेना के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हों। वायु सेना में शौर्य, अदम्य साहस के कारनामे के लिए और कर्तव्यपरायणता के व्यक्तिगत कारनामे को सम्मानित करने के लिए प्रदान किया जाता है। किसी कार्मिक को यह पदक पुनः प्रदान किए जाने पर बार प्रदान किया जाता है। यह पदक मरणोपरांत भी प्रदान किया जाता है।
पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सम्मान और पुरस्कार के बारे में (हिंदी) indianairforce.nic.in। अभिगमन तिथि: 25 मई, 2020।

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः