खंडवा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search

खंडवा / Khandwa

इतिहास और भूगोल

  • मध्य भारत के मध्य प्रदेश राज्य के दक्षिण–पश्चिमी में स्थित खंडवा नगर है, इसे दक्षिण का 'प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है।
  • खंडवा नर्मदा और ताप्‍ती नदी की घाटी के मध्य में बसा हुआ है।
  • उत्तरी भारत से दक्षिण क्षेत्र तक जाने वाले प्रमुख सड़क मार्गों पर स्थित नगर की पहचान यूनानी भूगोल शास्त्री टॉलेमी के 'कोंगनबंदा' शहर से की जाती है।
  • पारंपरिक रूप से कहा जाता है कि यह नगर महाभारत में वर्णित खांडव वन से घिरा है ।

ऐतिहासिक तथ्य

  • 12वीं शताब्दी में यह नगर जैन मत का महत्त्वपूर्ण स्थान था।
  • यह नगर पुरातन नगर है, यहां पाये जाने वाले अवशेषों से यह सिद्ध होता है, इसके चारों ओर चार विशाल तालाब, नक़्क़ाशीदार स्तंभ और जैन मंदिरों के छज्जे स्थित हैं।

आधुनिक नगर

  • 1864 से यह नगर मध्य प्रदेश के नवगठित निमाड़ ज़िले का मुख्यालय रहा।
  • 1867 में इसे नगरपालिका बना दिया गया।

परिवहन

  • खंडवा का निकटतम एयरपोर्ट इंदौर है, जो खंडवा से लगभग 113 किमी. की दूरी पर है। इंदौर एयरपोर्ट से देश के महत्वपूर्ण नगरों के लिए नियमित उड़ानें है।
  • खंडवा रेलवे स्टेशन दिल्ली-मुंबई मार्ग का प्रमुख रेलवे स्टेशन है। यह रेलवे स्टेशन देश के अनेक शहरों से जुड़ा है।
  • खंडवा सड़क मार्ग द्वारा राज्य और पड़ोसी राज्यों के अधिकांश नगरों के लिए यहाँ से नियमित बसों की व्यवस्था है।

व्यापार

  • प्रमुख सड़क पर बसे और मध्य रेलवे के रेल जंक्शन खंडवा नगर में कपास, इमारती लकड़ी और अनाज का व्यापार किया जाता है।
  • कपास की ओटाई, तिलहन व आरा मिलें और अन्य लघु उद्योग यहां के महत्त्वपूर्ण उद्योग हैं।
  • यहां पर प्रायोगिक रेशम उत्पादन फ़ार्म, सरकारी पालीटेक्निक और सागर स्थित डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय से संबद्ध अनेक महाविद्यालय हैं।

जनसंख्या

  • 2001 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 1,71,976, नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

पर्यटन

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः