Difference between revisions of "ग़यासुद्दीन बलबन"

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गयासुद्दीन बलबन [[गुलाम वंश]] का नवाँ सुल्तान (1266-87) था। बलबन मूलतः सुल्तान [[इल्तुतमिश]] का तुर्की ग़ुलाम था। अपनी योग्यता और गुणों के कारण वह धीरे-धीरे ऊँचे पदों पर प्रतिष्ठा को प्राप्त करता गया। उसकी पुत्री सुल्तान नसीरउद्दीन (1246-66 ई0) को ब्याही थी। जिसने उसे अपना मंत्री तथा सहायक नियुक्त किया। सुल्तान के सहायक के रूप में बलबन अपने दामाद के नाम पर 1266 ई0 में उसकी मृत्यु तक [[दिल्ली सल्तनत]] का प्रशासन चलाता रहा। उसके बाद वह स्वयं सिंहासन पर बैठ गया और सुल्तान गयासुद्दीन की उपाधि धारण की। उसने बड़ी योग्यता से शासन किया। विद्रोही तुर्की अमीरों को कुचल कर, मेवाती सदृश्य लुटेरों को कठोर दंड देकर, निष्पक्ष न्याय व्यवस्था, जिसमें छोटे-बड़े के साथ कोई भेदभाव नहीं होता था तथा एक बहुत ही कार्यकुशल गुप्तचर व्यवस्था संगठित कर, जो उसके राज्य में होने वाली सभी बातों से उसे अवगत रखती थी, बलबन ने राज्य में शान्ति व्यवस्था पुनः क़ायम की।  
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गयासुद्दीन बलबन [[ग़ुलाम वंश]] का नवाँ सुल्तान (1266-87) था। बलबन मूलतः सुल्तान [[इल्तुतमिश]] का तुर्की ग़ुलाम था। अपनी योग्यता और गुणों के कारण वह धीरे-धीरे ऊँचे पदों पर प्रतिष्ठा को प्राप्त करता गया। उसकी पुत्री सुल्तान नसीरउद्दीन (1246-66 ई0) को ब्याही थी। जिसने उसे अपना मंत्री तथा सहायक नियुक्त किया। सुल्तान के सहायक के रूप में बलबन अपने दामाद के नाम पर 1266 ई0 में उसकी मृत्यु तक [[दिल्ली सल्तनत]] का प्रशासन चलाता रहा। उसके बाद वह स्वयं सिंहासन पर बैठ गया और सुल्तान गयासुद्दीन की उपाधि धारण की। उसने बड़ी योग्यता से शासन किया। विद्रोही तुर्की अमीरों को कुचल कर, मेवाती सदृश्य लुटेरों को कठोर दंड देकर, निष्पक्ष न्याय व्यवस्था, जिसमें छोटे-बड़े के साथ कोई भेदभाव नहीं होता था तथा एक बहुत ही कार्यकुशल गुप्तचर व्यवस्था संगठित कर, जो उसके राज्य में होने वाली सभी बातों से उसे अवगत रखती थी, बलबन ने राज्य में शान्ति व्यवस्था पुनः क़ायम की।  
 
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Revision as of 10:52, 18 May 2010

gayasuddin balaban gulam vansh ka navaan sultan (1266-87) tha. balaban moolatah sultan iltutamish ka turki gulam tha. apani yogyata aur gunoan ke karan vah dhire-dhire ooanche padoan par pratishtha ko prapt karata gaya. usaki putri sultan nasiruddin (1246-66 ee0) ko byahi thi. jisane use apana mantri tatha sahayak niyukt kiya. sultan ke sahayak ke roop mean balaban apane damad ke nam par 1266 ee0 mean usaki mrityu tak dilli saltanat ka prashasan chalata raha. usake bad vah svayan sianhasan par baith gaya aur sultan gayasuddin ki upadhi dharan ki. usane b di yogyata se shasan kiya. vidrohi turki amiroan ko kuchal kar, mevati sadrishy luteroan ko kathor dand dekar, nishpaksh nyay vyavastha, jisamean chhote-b de ke sath koee bhedabhav nahian hota tha tatha ek bahut hi karyakushal guptachar vyavastha sangathit kar, jo usake rajy mean hone vali sabhi batoan se use avagat rakhati thi, balaban ne rajy mean shanti vyavastha punah qayam ki.