Difference between revisions of "बाज़ार के बीच मैं -कुलदीप शर्मा"
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
प्रकाश बादल (talk | contribs) ('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=|चित्र=K...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "जरूर" to "ज़रूर") |
||
(7 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 7: | Line 7: | ||
|कवि =[[कुलदीप शर्मा]] | |कवि =[[कुलदीप शर्मा]] | ||
|जन्म= | |जन्म= | ||
− | |जन्म स्थान=([[ | + | |जन्म स्थान=([[उना हिमाचल|उना]], [[हिमाचल प्रदेश]]) |
|मुख्य रचनाएँ= | |मुख्य रचनाएँ= | ||
|यू-ट्यूब लिंक= | |यू-ट्यूब लिंक= | ||
Line 32: | Line 32: | ||
मैं खुश हो सकूं | मैं खुश हो सकूं | ||
इस गर्ज से बहुत कुछ रखा गया है | इस गर्ज से बहुत कुछ रखा गया है | ||
− | + | बाज़ार में; | |
− | बस मै ही | + | बस मै ही नहीं जा पा रहा बाज़ार |
रूइ के भाव बिक रही है गरमाहट | रूइ के भाव बिक रही है गरमाहट | ||
− | जिसे मै | + | जिसे मै तलाश रहा था बरसों से |
अपने आसपास सम्बंधों में | अपने आसपास सम्बंधों में | ||
मै भूल चुका हूँ | मै भूल चुका हूँ | ||
Line 43: | Line 43: | ||
यह भी कि व्यापारी ही अभ्यस्त है मुस्कानो के | यह भी कि व्यापारी ही अभ्यस्त है मुस्कानो के | ||
मै गुम हो सकता हूँ | मै गुम हो सकता हूँ | ||
− | + | जैसे ही जबडे खुले दुकानों के | |
मै खो सकता हूँ ऐसे ही | मै खो सकता हूँ ऐसे ही | ||
जैसे ताइ का बेटा खो गया था शहर में | जैसे ताइ का बेटा खो गया था शहर में | ||
− | + | बाज़ार के बीचोबीच | |
सजाया गया है पार्क | सजाया गया है पार्क | ||
खिलाए गए है फूल | खिलाए गए है फूल | ||
− | कि मै कुछ भी | + | कि मै कुछ भी ख़रीदूँ बाज़ार से |
और लौट सकूँ पार्क मे | और लौट सकूँ पार्क मे | ||
सकून के लिए | सकून के लिए | ||
जो हर बार कम पड जाता है | जो हर बार कम पड जाता है | ||
− | + | बाज़ार में | |
इसलिए भी कि तब तक | इसलिए भी कि तब तक | ||
हाथगाडी ठेलते पहुँच गए होगे पल्लेदार | हाथगाडी ठेलते पहुँच गए होगे पल्लेदार | ||
Line 60: | Line 60: | ||
तब तक तरोताजा और व्यवस्थित हो चुका होगा समय़ | तब तक तरोताजा और व्यवस्थित हो चुका होगा समय़ | ||
− | + | बाज़ार सजाया गया है इस तरह | |
कि स्तब्ध है सारी चीजे | कि स्तब्ध है सारी चीजे | ||
जैसे यही से होकर | जैसे यही से होकर | ||
− | आज | + | आज के आज गुजरेगी सारी खुशी |
आज के आज मनेगा महोत्सव | आज के आज मनेगा महोत्सव | ||
− | आज के आज बिकने | + | आज के आज बिकने के है |
उतावली सारी चीज़े | उतावली सारी चीज़े | ||
मेरी खुशी के लिए | मेरी खुशी के लिए | ||
चिन्तित है सारी चीजे और सारे लोग | चिन्तित है सारी चीजे और सारे लोग | ||
इतना कि वे भी सजे है यहाँ | इतना कि वे भी सजे है यहाँ | ||
− | जो | + | जो नहीं हैं बि़क्रि के लिये अभी तैयार’ |
जिनके बिकने की योजना अगली सदी में थी़ | जिनके बिकने की योजना अगली सदी में थी़ | ||
− | विज्ञापनों व शोकेसों | + | विज्ञापनों व शोकेसों में छटपटाती चीजें |
− | + | मुडों और उद्विग्न करती हैं | |
− | मुझमें और | + | मुझमें और बाज़ार में |
− | एक | + | एक रस्साकस्सी चलती है निरन्तर |
मैं गुज़रता हूँ बाज़ार से | मैं गुज़रता हूँ बाज़ार से | ||
− | कि | + | कि बाज़ार मुडों चीरता निकल जाता है |
हर बार पूछता हूँ एक ठेले वाले से | हर बार पूछता हूँ एक ठेले वाले से | ||
− | भइया, जरा | + | भइया, जरा बाज़ार से बाहर जाकर बताओ़ |
मैं हूँ बाज़ार में या मुझमें है बाज़ार ? | मैं हूँ बाज़ार में या मुझमें है बाज़ार ? | ||
Line 87: | Line 87: | ||
जो खुश नहीं हो पा रहे हैं अब भी | जो खुश नहीं हो पा रहे हैं अब भी | ||
जब कि बहुत खुश है बाज़ार | जब कि बहुत खुश है बाज़ार | ||
− | ऐसे कितने लोग हैं पूरे | + | ऐसे कितने लोग हैं पूरे देश में |
− | जो जेब ओर | + | जो जेब ओर ज़रूरतों में |
सन्तुलन नहीं बिठा पा रहे हैं | सन्तुलन नहीं बिठा पा रहे हैं | ||
− | जो बाज़ार में बिना कुछ | + | जो बाज़ार में बिना कुछ ख़रीदे |
लगातार खर्च होते जा रहे हैं । | लगातार खर्च होते जा रहे हैं । | ||
</poem> | </poem> | ||
Line 101: | Line 101: | ||
{{समकालीन कवि}} | {{समकालीन कवि}} | ||
[[Category:समकालीन साहित्य]][[Category:कुलदीप शर्मा]][[Category:कविता]] | [[Category:समकालीन साहित्य]][[Category:कुलदीप शर्मा]][[Category:कविता]] | ||
+ | [[Category:हिन्दी कविता]] | ||
+ | [[Category:पद्य साहित्य]] | ||
+ | [[Category:काव्य कोश]] | ||
+ | [[Category:साहित्य कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 10:49, 2 January 2018
| ||||||||||||||
|
|