Difference between revisions of "सिकन्दर"

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*इतिहास में वह सबसे कुशल और यशस्वी सेनापति माना गया है। अपनी मृत्यु तक वह उस तमाम भूमि को जीत चुका था जिसकी जानकारी प्राचीन ग्रीक लोगों को थी। इसलिए उसे विश्वविजेता भी कहा जाता है। उसने अपने कार्यकाल में [[ईरान]], [[सीरिया]], [[मिस्र]], [[मेसोपोटेमिया]], [[फिनीशिया]], [[जुदेआ]], [[गाझा]], [[बॅक्ट्रिया]] और [[भारत]] में [[पंजाब]] तक के प्रदेश पर विजय हासिल की थी।
 
*इतिहास में वह सबसे कुशल और यशस्वी सेनापति माना गया है। अपनी मृत्यु तक वह उस तमाम भूमि को जीत चुका था जिसकी जानकारी प्राचीन ग्रीक लोगों को थी। इसलिए उसे विश्वविजेता भी कहा जाता है। उसने अपने कार्यकाल में [[ईरान]], [[सीरिया]], [[मिस्र]], [[मेसोपोटेमिया]], [[फिनीशिया]], [[जुदेआ]], [[गाझा]], [[बॅक्ट्रिया]] और [[भारत]] में [[पंजाब]] तक के प्रदेश पर विजय हासिल की थी।
 
*सिकन्दर के पिता का नाम फ़िलिप था।  
 
*सिकन्दर के पिता का नाम फ़िलिप था।  
*सिकन्दर ने सबसे पहले ग्रीक राज्यों को जीता और फिर वह एशिया माइनर (आधुनिक तुर्की) की तरफ बढ़ा। उस क्षेत्र पर उस समय फ़ारस का शासन था। फ़ारसी साम्राज्य मिस्र से लेकर पश्चिमोत्तर भारत तक फैला था। फ़ारस के शाह दारा तृतीय को उसने तीन अलग-अलग युद्धों में पराजित किया हालाँकि उसकी तथाकथित 'विश्व-विजय' फ़ारस विजय से अधिक नहीं थी पर उसे शाह दारा के अलावा अन्य स्थानीय प्रांतपालों से भी युद्ध करना पड़ा था। मिस्र, बॅक्ट्रिया, तथा आधुनिक ताज़िकिस्तान में स्थानीय प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था।
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*सिकन्दर ने सबसे पहले ग्रीक राज्यों को जीता और फिर वह एशिया माइनर (आधुनिक तुर्की) की तरफ बढ़ा। उस क्षेत्र पर उस समय फ़ारस का शासन था। फ़ारसी साम्राज्य मिस्र से लेकर पश्चिमोत्तर [[भारत]] तक फैला था। फ़ारस के शाह दारा तृतीय को उसने तीन अलग-अलग युद्धों में पराजित किया हालाँकि उसकी तथाकथित 'विश्व-विजय' फ़ारस विजय से अधिक नहीं थी पर उसे शाह दारा के अलावा अन्य स्थानीय प्रांतपालों से भी युद्ध करना पड़ा था। मिस्र, बॅक्ट्रिया, तथा आधुनिक ताज़िकिस्तान में स्थानीय प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था।
 
*भारत में पुरु से युद्ध हुआ। जिसमें पुरु की हार हुई।
 
*भारत में पुरु से युद्ध हुआ। जिसमें पुरु की हार हुई।
*भारत पर सिकन्दर के आक्रमण के समय [[चाणक्य]] (विष्णुगुप्त अथवा कौटिल्य) [[तक्षशिला]] में प्राध्यापक थे। तक्षशिला और [[गान्धार]] के राजा आम्भि ने सिकन्दर से समझौता कर लिया। चाणक्य ने भारत की संस्कृति को विदेशियों से बचाने के लिए सभी राजाओं से आग्रह किया किन्तु सिकन्दर से लड़ने कोई नहीं आया। पुरु ने सिकन्दर से युद्ध किया किन्तु हार गया।
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*भारत पर सिकन्दर के आक्रमण के समय [[चाणक्य]] (विष्णुगुप्त अथवा कौटिल्य) [[तक्षशिला]] में प्राध्यापक थे। तक्षशिला और [[गान्धार]] के राजा आम्भि ने सिकन्दर से समझौता कर लिया। चाणक्य ने [[भारत]] की संस्कृति को विदेशियों से बचाने के लिए सभी राजाओं से आग्रह किया किन्तु सिकन्दर से लड़ने कोई नहीं आया। पुरु ने सिकन्दर से युद्ध किया किन्तु हार गया।
 
*[[मगध]] के राजा [[महापद्मनंद]] ने चाणक्य का साथ देने से मना कर दिया और चाणक्य का अपमान भी किया। चाणक्य ने [[चन्द्रगुप्त मौर्य|चन्द्रगुप्त]] को साथ लेकर एक नये साम्राज्य की स्थापना की और सिकन्दर द्वारा जीते गए राज्य पंजाब के राजदूत [[सेल्यूकस]] को हराया।
 
*[[मगध]] के राजा [[महापद्मनंद]] ने चाणक्य का साथ देने से मना कर दिया और चाणक्य का अपमान भी किया। चाणक्य ने [[चन्द्रगुप्त मौर्य|चन्द्रगुप्त]] को साथ लेकर एक नये साम्राज्य की स्थापना की और सिकन्दर द्वारा जीते गए राज्य पंजाब के राजदूत [[सेल्यूकस]] को हराया।
  

Revision as of 09:37, 20 September 2010

alakshyendr / sikandar

  • sikandar mahan mesedoniya ka grik prashasak tha. vah elekzeandar tritiy tatha elekzeandar mesedoniyan nam se bhi jana jata hai.
  • itihas mean vah sabase kushal aur yashasvi senapati mana gaya hai. apani mrityu tak vah us tamam bhoomi ko jit chuka tha jisaki janakari prachin grik logoan ko thi. isalie use vishvavijeta bhi kaha jata hai. usane apane karyakal mean eeran, siriya, misr, mesopotemiya, phinishiya, judea, gajha, bॅktriya aur bharat mean panjab tak ke pradesh par vijay hasil ki thi.
  • sikandar ke pita ka nam filip tha.
  • sikandar ne sabase pahale grik rajyoan ko jita aur phir vah eshiya mainar (adhunik turki) ki taraph badha. us kshetr par us samay faras ka shasan tha. farasi samrajy misr se lekar pashchimottar bharat tak phaila tha. faras ke shah dara tritiy ko usane tin alag-alag yuddhoan mean parajit kiya halaanki usaki tathakathit 'vishv-vijay' faras vijay se adhik nahian thi par use shah dara ke alava any sthaniy praantapaloan se bhi yuddh karana p da tha. misr, bॅktriya, tatha adhunik tazikistan mean sthaniy pratirodh ka samana karana p da tha.
  • bharat mean puru se yuddh hua. jisamean puru ki har huee.
  • bharat par sikandar ke akraman ke samay chanaky (vishnugupt athava kautily) takshashila mean pradhyapak the. takshashila aur gandhar ke raja ambhi ne sikandar se samajhauta kar liya. chanaky ne bharat ki sanskriti ko videshiyoan se bachane ke lie sabhi rajaoan se agrah kiya kintu sikandar se l dane koee nahian aya. puru ne sikandar se yuddh kiya kintu har gaya.
  • magadh ke raja mahapadmanand ne chanaky ka sath dene se mana kar diya aur chanaky ka apaman bhi kiya. chanaky ne chandragupt ko sath lekar ek naye samrajy ki sthapana ki aur sikandar dvara jite ge rajy panjab ke rajadoot selyookas ko haraya.