Difference between revisions of "विज्ञान सामान्य ज्ञान 13"

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
 
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
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{{विज्ञान सामान्य ज्ञान नोट}}
 
{{विज्ञान सामान्य ज्ञान}}
 
{{विज्ञान सामान्य ज्ञान}}
{{सामान्य ज्ञान नोट}}
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<quiz display=simple>
 
<quiz display=simple>
{वृक्षों की छालों पर उगने वाले [[कवक|कवकों]] को क्या कहते हैं?
 
|type="()"}
 
+कार्टीकोल्स
 
-जूफिलस
 
-सेक्सीकोल्स
 
-कोप्रोफिलस
 
 
{निम्नलिखित में से कौन खुजली के रोग ‘स्केबीज’ का कारण है?
 
|type="()"}
 
-[[जीवाणु]]
 
+[[कवक]]
 
-[[शैवाल]]
 
-प्रोटोजोआ
 
||पर्णहरिम की अनुपस्थिति के कारण कवक, कार्बन डाइ-ऑक्साइड और [[जल]] द्वारा कार्बोहाइड्रेट निर्मित करने में असमर्थ होते हैं। अत: अपने भोज्य पदार्थों की प्राप्ति के लिए अन्य वनस्पतियों, जंतुओं तथा उनके मृत शरीर पर ही आश्रित रहते हैं। इनकी जीवन-विधि और संरचना इसी पर आश्रित हैं। यद्यपि कवक कार्बन डाइ-ऑक्साइड से शर्करा निर्मित करने में पूर्णतया असमर्थ होते हैं तथापि ये साधारण विलेय शर्करा से जटिल कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषण कर लेते हैं, जिससे इनकी कोशिकाभित्ति का निर्माण होता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कवक]]
 
 
{लाइकेन किन दो वर्ग के पोधों से मिलकर बने होते हैं?
 
|type="()"}
 
-कवक और फर्न
 
-[[शैवाल]] और ब्रायोफाइटा
 
-[[जीवाणु]] और [[विषाणु]]
 
+[[कवक]] और [[शैवाल]]
 
||कुछ शैवाल अन्य पौधों की जड़ों में भी रहते हैं, जैसे- साइकस की जड़ों में 'एनाबीना' तथा एन्थोसिरोस में 'नोस्टॉक' वास करते हैं। कुछ शैवाल कवकों के साथ मिलकर सहवास करते हैं, जिन्हें लाइकेन  कहा जाता है। शैवालों के अध्ययन को 'फ़ाइकोलॉजी' कहते हैं। शैवालों का प्रयोग आज लगभग हर क्षेत्र में होने लगा है। इनका प्रयोग भोजन के रूप में, औषधि निर्माण में, विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक कार्यों आदि में किया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शैवाल]]
 
||विश्व के उन सभी स्थानों में कवक की उत्पत्ति हो सकती है, जहाँ कहीं भी इन्हें कार्बनिक यौगिक की प्राप्ति हो सके। कुछ कवक तो लाइकेन की संरचना में भाग लेते हैं, जो कड़ी चट्टानों पर, सूखे स्थान में तथा पर्याप्त ऊँचे [[ताप]] में उगते हैं, जहाँ साधारणतया कोई भी अन्य जीव नहीं रह सकता। कवक की अधिकाधिक वृद्धि विशेष रूप से आर्द्र परिस्थितियों में, अँधेरे में या मंद [[प्रकाश]] में होती है। इसीलिए छत्रक अधिक संख्या में आर्द्र और उष्ण ताप वाले जंगलों में उगते हैं।।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कवक]]
 
 
{लाइकेन किसके सूचक होते हैं?
 
|type="()"}
 
+वायु प्रदूषण के
 
-[[जल]] प्रदूषण के
 
-मृदा प्रदूषण के
 
-विकिरण प्रदूषण के
 
 
{जड़ के स्थान पर 'मूलाभास' किसमें पाया जाता है?
 
|type="()"}
 
-एन्जियोस्पर्म में
 
-जिम्नोस्पर्म में
 
+ब्रायोफाइट्स में
 
-टेरिडोफाइट्स में
 
 
{सबसे अधिक क्रोमोसोम किसमें पाए जाते हैं?
 
|type="()"}
 
-[[बाघ]]
 
+टेरिडोफाइट्स में
 
-[[हाथी]] में
 
-एन्जियोस्पर्म में
 
 
{निम्न में से कौन-सा एक 'जीवित जीवाश्म' है?
 
|type="()"}
 
+साइकस
 
-सिलैजिनेला
 
-पाइनस
 
-सीड्रस
 
 
{श्वसन मूल किस पौधे में पाई जाती हैं?
 
|type="()"}
 
-पान में
 
-चेस्टनट में
 
+जूसिया में
 
-मक्का में
 
 
{'साबूदाना' किससे प्राप्त होता है?
 
|type="()"}
 
+साइकस से
 
-पाइनस से
 
-सेड्रस से
 
-जूनीपेरस से
 
 
{निम्नलिखित में से कौन एक जड़ नहीं है?
 
|type="()"}
 
+[[आलू]]
 
-[[गाजर]]
 
-शकरकन्द
 
-[[मूली]]
 
||[[चित्र:Potatoes.jpg|thumb|100px|आलू|right]] [[भारत]] में आलू विशेष रूप से [[उत्तर प्रदेश]] में उगाया जाता है। [[तमिलनाडु]] एवं [[केरल]] को छोडकर आलू सारे देश में उगाया जाता है। भारत में आलू की औसत उपज 152 क्विंटल प्रति हैक्‍टेयर है जो विश्‍व औसत से काफ़ी कम है। अन्‍य फ़सलों की तरह आलू की अच्‍छी पैदावार के लिए उन्‍नत किस्‍मों के रोग रहित बीजो की उपलब्‍धता बहुत आवश्‍यक है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[आलू]]
 
 
 
{स्तम्भ मूल होती हैं-
 
{स्तम्भ मूल होती हैं-
 
|type="()"}
 
|type="()"}
Line 116: Line 43:
 
-पत्तियों का
 
-पत्तियों का
 
-फल का
 
-फल का
 
{फूलगोभी का खाने योग्य भाग कौन-सा होता है?
 
|type="()"}
 
-फल
 
-कलिका
 
-[[पुष्प]]
 
+पुष्पक्रम
 
 
{सामान्यत: अंकुरण के लिए किसकी आवश्यकता नहीं होती है?
 
|type="()"}
 
+[[प्रकाश]]
 
-[[जल]]
 
-वायु
 
-[[ताप]]
 
||जब किसी वस्तु पर प्रकाश पड़ता है, तब उस वस्तु से प्रकाश टकराकर देखने वालें की [[आँख]] पर पड़ता है, जिससे व्यक्ति उस वस्तु को देख लेता है। वास्तव में प्रकाश एक प्रकार की [[ऊर्जा]] है, जो [[विद्युत]] चुम्बकिय [[तरंगें|तरंगों]] के रूप में संचरित होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[प्रकाश]]
 
 
{'तना काट' आमतौर पर किसके प्रवर्धन के लिए प्रयोग किया जाता है?
 
|type="()"}
 
-[[केला]]
 
+[[गन्ना]]
 
-[[आम]]
 
-कपास
 
||[[चित्र:Sugarcane-2.jpg|thumb|120px|गन्ने|right]]गन्ने की खेती व्यापक रुप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में की जाती है, जिसमें [[महाराष्ट्र]], [[आंध्र प्रदेश]], [[तमिलनाडु]] और [[गुजरात]] राज्य शामिल हैं। चूंकि गन्ना, जो एक उष्णकटिबंधीय फ़सल है, के लिए इन राज्यों में अनुकूलतम [[कृषि]] जलवायु स्थित है। अर्ध-ऊष्ण-कटिबंधीय क्षेत्रों की तुलना में ऊष्णकटिबंधीय क्षेत्र में पैदावार अपेक्षाकृत अधिक है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गन्ना]]
 
 
{नारियल का खाने योग्य भाग कौन-सा होता है?
 
|type="()"}
 
-फलभित्ति
 
+भ्रूणपोष
 
-पूर्ण बीज
 
-बीजावरण
 
 
{[[आम]] के पौधे का वानस्पतिक नाम क्या है?
 
|type="()"}
 
-मूसा सेपियेण्टम
 
-डोकस-कैरोटा
 
+मेन्जीफेरा इण्डिका
 
-इनमें से कोई नहीं
 
 
{निषेचन क्रिया क्या है?
 
|type="()"}
 
+एक नर युग्मक का अण्डाणु से संयोजन
 
-परागकणों का परागकोष से वर्तिकाग्र पर स्थानान्तरण
 
-नर युग्मकों का ध्रुवीय केन्द्रकों से संयोजन
 
-बीजाण्ड से बीज का निर्माण
 
 
{संसार का सबसे बड़ा पुष्प कौन-सा है?
 
|type="()"}
 
-[[कमल]]
 
+रेफ्लेसिया
 
-कैक्टस
 
-इनमें से कोई नहीं
 
 
{जीवनचक्र की दृष्टि से पौधे का सबसे महत्वपूर्ण अंग कौन-सा है?
 
|type="()"}
 
+[[पुष्प]]
 
-पत्ती
 
-तना
 
-जड़
 
||[[चित्र:Flowers.jpg|thumb|120px|right|पुष्प]]समकालिक पुष्प जैसे गुलाब, कमल ग्लैडियोलस, रजनीगंधा, कार्नेशन आदि के बढ़ते उत्पादन के कारण गुलदस्ते और उपहारों के स्वरूप देने में इनका उपयोग काफ़ी बढ़ा है। मध्यम वर्ग के जीवनस्तर में सुधार और आर्थिक संपन्नता के कारण पुष्प बाज़ार के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया और फूलों की खेती को एक विशाल बाज़ार का स्वरूप प्रदान कर दिया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पुष्प]]
 
 
{मानव शरीर में [[रक्त]] का शुद्धीकरण कहाँ पर होता है?
 
|type="()"}
 
-फेफड़ों में
 
-[[हृदय]] में
 
+[[वृक्क]] में
 
-[[यकृत]] में
 
||[[चित्र:Human-Kidney.jpg|thumb|120px|मानव वृक्क|right]]प्रत्येक [[वृक्क]] का बाहरी तल उत्तल तथा भीतरी तल अवतल होता है। अवतल सतह की ओर गड्ढे जैसी संरचना होती है, जिसे वृक्क नाभि या हाइलस कहते हैं। इसी से होकर रीनल धमनी तथा तन्त्रिका वृक्क में प्रवेश करती है और रीनल शिरा, लसिका वाहिनी तथा मूत्रवाहिनी इसमें से बाहर निकलती हैं। वृक्क के चारों ओर तन्तुमय संयोजी [[ऊतक]] का बना पतला वृक्क सम्पुट या रीनल कैप्सूल होता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वृक्क]]
 
 
{[[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]] [[रक्त]] कण (W.B.C.) का मुख्य कार्य क्या है?
 
|type="()"}
 
-[[ऑक्सीजन]] का परिवहन
 
-CO<sub>2</sub> ले जाना
 
+रोग प्रतिरोधक क्षमता धारण करना
 
-इनमें से कोई नहीं
 
 
</quiz>
 
</quiz>
 
|}
 
|}
Line 195: Line 48:
 
{{विज्ञान सामान्य ज्ञान}}
 
{{विज्ञान सामान्य ज्ञान}}
 
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
 
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
{{प्रचार}}
 
 
[[Category:सामान्य ज्ञान]][[Category:विज्ञान सामान्य ज्ञान]] [[Category:विज्ञान कोश]]
 
[[Category:सामान्य ज्ञान]][[Category:विज्ञान सामान्य ज्ञान]] [[Category:विज्ञान कोश]]
 
[[Category:सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी]]  
 
[[Category:सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी]]  
 
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Latest revision as of 10:29, 29 December 2016

samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan


  1. REDIRECTsaancha:nilais vishay se sanbandhit lekh padhean:-
  2. REDIRECTsaancha:nila band vijnan praangan, vijnan kosh

panne par jaean
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1 stambh mool hoti haian-

moosala j dean
pulakit j dean
shakhanvit j dean
apasthanik j dean

2 j dean kis bhag se vikasit hoti haian?

praankur se
moolaankur se
tane se
patti se

3 gajar ek prakar se kya hai?

j d
tana
pushp
prakand

4 haldi ke paudhe ka khane yogy hissa kaun-sa hota hai?

j d
prakand
phal
kand

5 pyaj kisaka parivartit roop hai?

tane ka
j d ka
pattiyoan ka
phal ka

panne par jaean
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samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan