Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान 48"

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+सोलहवीं शताब्दी
 
+सोलहवीं शताब्दी
 
||'दास प्रथा' [[भारत]] में प्राय: सभी युगों में विद्यमान रही है। यद्यपि चौथी शताब्दी ई.पू. में [[मेगस्थनीज]] ने लिखा था कि, "भारतवर्ष में दास प्रथा नहीं है", तथापि [[कौटिल्य]] के '[[अर्थशास्त्र ग्रन्थ|अर्थशास्त्र]]' तथा [[मौर्य]] सम्राट [[अशोक के अभिलेख|अशोक के अभिलेखों]] में [[प्राचीन भारत]] में [[दास प्रथा]] प्रचलित होने के संकेत उपलब्ध होते हैं। भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान भी लम्बे समय तक चलने के बाद वर्ष 1843 ई. में इस प्रथा को बन्द करने के लिए एक अधिनियम पारित कर दिया गया।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[दास प्रथा]]
 
||'दास प्रथा' [[भारत]] में प्राय: सभी युगों में विद्यमान रही है। यद्यपि चौथी शताब्दी ई.पू. में [[मेगस्थनीज]] ने लिखा था कि, "भारतवर्ष में दास प्रथा नहीं है", तथापि [[कौटिल्य]] के '[[अर्थशास्त्र ग्रन्थ|अर्थशास्त्र]]' तथा [[मौर्य]] सम्राट [[अशोक के अभिलेख|अशोक के अभिलेखों]] में [[प्राचीन भारत]] में [[दास प्रथा]] प्रचलित होने के संकेत उपलब्ध होते हैं। भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान भी लम्बे समय तक चलने के बाद वर्ष 1843 ई. में इस प्रथा को बन्द करने के लिए एक अधिनियम पारित कर दिया गया।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[दास प्रथा]]
 
{[[लॉर्ड मैकाले|मैकाले]] की शिक्षा व्यवस्था किसके लिए थी?
 
|type="()"}
 
+केवल उच्च वर्गीय भारतीयों के लिए
 
-जन-शिक्षा
 
-महिला शिक्षा
 
-इनमें से कोई नहीं
 
||[[चित्र:Lord-Macaulay.jpg|right|100px|लॉर्ड मैकाले]]लॉर्ड मैकाले का पूरा नाम 'थॉमस बैबिंगटन मैकाले' था। वह एक प्रसिद्ध अंग्रेज़ी [[कवि]], निबन्धकार, [[इतिहासकार]] तथा राजनीतिज्ञ था। सन 1834 ई. से 1838 ई. तक वह [[भारत]] की सुप्रीम काउंसिल में लॉ मेंबर तथा लॉ कमिशन का प्रधान रहा। 'भारतीय दंड विधान' से सम्बन्धित प्रसिद्ध ग्रंथ 'दी इंडियन पीनल कोड' की लगभग सभी पांडुलिपियाँ उसी ने तैयार की थीं। [[अंग्रेज़ी भाषा]] को [[भारत]] की सरकारी भाषा तथा शिक्षा का माध्यम और यूरोपीय साहित्य, दर्शन तथा [[विज्ञान]] को भारतीय शिक्षा का लक्ष्य बनाने में इसका बड़ा हाथ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लॉर्ड मैकाले|मैकाले]]
 
 
{निम्नांकित में से कौन-सी उदारवादियों की मांग नहीं थी?
 
|type="()"}
 
+[[भारत]] के लिए स्वाधीनता
 
-प्रशासन में अधिकाधिक भारतीयों की भागीदारी
 
-भारतीयों के लिए अधिक नौकरियाँ
 
-कुछ कमियों को दूर करना
 
 
{दक्षिण में 'जब्त व्यवस्था' [[शाहजहाँ]] के शासनकाल के अंतिम वर्षों में किसके द्वारा स्थापित की गयी थी?
 
|type="()"}
 
+[[मुर्शिद कुली ख़ाँ]]
 
-[[शाहजी भोंसले]]
 
-दानिशमन्द ख़ान
 
-दिलेर ख़ान
 
||'मुर्शिद कुली ख़ाँ' [[बंगाल]] का प्रथम स्वतंत्र सूबेदार था। उसे वर्ष 1717 ई. में [[मुग़ल]] बादशाह [[औरंगज़ेब]] द्वारा इस पद पर नियुक्त किया गया था। बाद के समय में उसकी योग्यता से प्रभावित होकर बादशाह द्वारा उसे [[दीवान]] के भी सारे अधिकार प्रदान कर दिये गए थे। अपनी शासन व्यवस्था के अंतर्गत [[मुर्शिद कुली ख़ाँ]] ने नए भू-राजस्व के जरिए जागीर भूमि के बड़े भाग को 'खालसा भूमि' बना दिया और 'इजारा व्यवस्था' आरंभ की। मुर्शिद कुली ख़ाँ को 'दक्षिण का टोडरमल' भी कहा जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मुर्शिद कुली ख़ाँ]]
 
 
{[[महात्मा गाँधी]] ने 'हिन्द स्वराज' की रचना की थी, जब वह-
 
|type="()"}
 
-[[इंग्लैण्ड]] से [[भारत]] जहाज़ से सफ़र कर रहे थे।
 
-जब वह [[साबरमती आश्रम]] में थे।
 
+जहाज़ के जरिये इंग्लैण्ड से [[दक्षिण अफ़्रीका]] जा रहे थे।
 
-जब वह [[चम्पारण सत्याग्रह|चम्पारण आंदोलन]] का नेतृत्व कर रहे थे।
 
 
{'[[स्यादवाद]]' का सिद्धान्त निम्न में से किससे सम्बन्धित है?
 
|type="()"}
 
-[[बौद्ध धर्म]] से
 
+[[जैन धर्म]] से
 
-[[सांख्य दर्शन]] से
 
-[[वेदान्त|वेदान्त दर्शन]] से
 
||[[चित्र:Jainism-Symbol.jpg|right|80px|जैन धर्म का प्रतीक चिह्न]]'जैन धर्म' [[भारत]] की श्रमण परम्परा से निकला [[धर्म]] और [[दर्शन]] है। प्राचीन समय से ही जैन धर्म का प्रचार-प्रसार भारत में होने लगा था। इस धर्म के सातवें [[तीर्थंकर]] [[सुपार्श्वनाथ]] का विहार [[मथुरा]], [[उत्तर प्रदेश]] में हुआ था। अनेक विहार-स्थल पर कुबेरा देवी द्वारा जो [[स्तूप]] बनाया गया था, वह जैन धर्म के इतिहास में बड़ा प्रसिद्ध रहा है। चौदहवें तीर्थंकर [[अनंतनाथ]] का स्मारक तीर्थ भी मथुरा में [[यमुना नदी]] के तट पर था। बाईसवें तीर्थंकर [[नेमिनाथ]] को जैन धर्म में [[कृष्ण]] के समकालीन और उनका चचेरा भाई माना जाता है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जैन धर्म]]
 
 
</quiz>
 
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Revision as of 14:32, 16 August 2016

samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan


  1. REDIRECTsaancha:nilais vishay se sanbandhit lekh padhean:-
  2. REDIRECTsaancha:nila band itihas praangan, itihas kosh, aitihasik sthan kosh

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1 'samagr rashtrabhav' ke siddhant ko kis rashtriy neta ne vikasit kiya?

dadabhaee nauroji
vipin chandr pal
surendranath banarji
bi. ar. ambedakar

2 nimnalikhit mean se kis prastar-kalin sthal se gart nivas ka sakshy prapt hua hai?

tekkalakot
burzahom
sanganakalloo
utanoor

3 'shrinarayan dharm paripalan yog aandolan' kisake dvara chalaya gaya tha?

bharatiy rashtriy kaangres
keral ke ejahava
kisan sabha
kamyunist parti

4 vijayanagar samrajy ka sabase prasiddh rajakiy tyauhar kaun-sa tha?

basant
mahanavami
ramanavami
vinayak chaturthi

5 das pratha ki spasht avanati kis shatabdi ke pashchat huee?

terahavian shatabdi
chaudahavian shatabdi
pandrahavian shatabdi
solahavian shatabdi

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samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan