Difference between revisions of "कोलकाता के उद्योग"

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विश्व में ज़्यादा [[जूट]]-प्रसंस्करण [[कोलकाता]] में किया जाता है। सर्वप्रथम 1870 के दशक में जूट उद्योग की स्थापना हुई थी और [[हुगली नदी]] के दोनों तटों पर शहर के केन्द्र उत्तर और दक्षिण तक जूट मिलें फैली हुई हैं। अभियांत्रिकी इस शहर का एक प्रमुख उद्योग है। इसके अतिरिक्त यहाँ कारख़ाने कई प्रकार की उपभोक्ता वस्तुओं, मुख्यतः खाद्य पदार्थ, पेय, [[तम्बाकू]], वस्त्र और रसायनों का निर्माण व वितरण करते हैं। [[1947]] में भारत की आज़ादी के बाद से कोलकाता के उद्योगों का पतन हो रहा है। इसके मुख्य कारण हैं, स्वतंत्रता के समय पूर्वी बंगाल को खो देना, कोलकाता के समग्र औद्योगिक उत्पादकता में कमी और शहर में औद्योगिक वैविध्य का पतन।
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Latest revision as of 10:41, 22 October 2012

vishv mean zyada joot-prasanskaran kolakata mean kiya jata hai. sarvapratham 1870 ke dashak mean joot udyog ki sthapana huee thi aur hugali nadi ke donoan tatoan par shahar ke kendr uttar aur dakshin tak joot milean phaili huee haian. abhiyaantriki is shahar ka ek pramukh udyog hai. isake atirikt yahaan karakhane kee prakar ki upabhokta vastuoan, mukhyatah khady padarth, pey, tambakoo, vastr aur rasayanoan ka nirman v vitaran karate haian. 1947 mean bharat ki azadi ke bad se kolakata ke udyogoan ka patan ho raha hai. isake mukhy karan haian, svatantrata ke samay poorvi bangal ko kho dena, kolakata ke samagr audyogik utpadakata mean kami aur shahar mean audyogik vaividhy ka patan.


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