Difference between revisions of "घनश्याम दास बिड़ला"

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(जन्म-1894, [[पिलानी]], [[राजस्थान]], [[भारत]] मृत्यु.-1983, मुंबई),<br />
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भारत के अग्रणी औद्योगिक समूह बी. के. के. एम. बिड़ला समूह के संस्थापक, जिसकी परिसंपत्तियाँ 195 अरब रुपये से अधिक है। इस समूह का मुख्य व्यवसाय कपड़ा, विस्कट फ़िलामेंट यार्न, सीमेंट, रासायनिक पदार्थ, बिजली, उर्वरक, दूरसंचार, वित्तीय सेवा और एल्युमिनियम क्षेत्र में है, जबकि अग्रणी  कंपनियाँ 'ग्रासिम इंडस्ट्रीज' और 'सेंचुरी टेक्सटाइल' हैं।
 
भारत के अग्रणी औद्योगिक समूह बी. के. के. एम. बिड़ला समूह के संस्थापक, जिसकी परिसंपत्तियाँ 195 अरब रुपये से अधिक है। इस समूह का मुख्य व्यवसाय कपड़ा, विस्कट फ़िलामेंट यार्न, सीमेंट, रासायनिक पदार्थ, बिजली, उर्वरक, दूरसंचार, वित्तीय सेवा और एल्युमिनियम क्षेत्र में है, जबकि अग्रणी  कंपनियाँ 'ग्रासिम इंडस्ट्रीज' और 'सेंचुरी टेक्सटाइल' हैं।
 
==परिचय==
 
==परिचय==
एक स्थानीय गुरु से अंकगणित तथा हिंदी की आरंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद, अपने पिता बी.डी. बिड़ला की प्रेरणा व सहयोग से जी. डी. बिड़ला ने कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) में व्यापार जगत में प्रवेश किया। 1912 में किशोरावस्था में ही उन्होंने अपने ससुर एम. सोमानी की मदद से दलाली का व्यवसाय शुरू कर दिया। 1918 में उन्होंने ‘बिड़ला ब्रदर्स’ की स्थापना की। कुछ ही समय बाद उन्होंने दिल्ली की एक पुरानी कपड़ा मिल ख़रीद ली; उद्योगपति के रूप में यह उनका पहला अनुभव था। 1919 में उन्होंने जूट उद्योग में भी कदम रखा। 1921 में ग्वालियर में कपड़ा मिल की स्थापना की और 1923 -24 में उन्होंने केसोराम कॉटन मिल्स ख़रीद ली।
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एक स्थानीय गुरु से अंकगणित तथा हिंदी की आरंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद, अपने पिता बी.डी. बिड़ला की प्रेरणा व सहयोग से घनश्याम दास बिड़ला ने [[कोलकाता|कलकत्ता]] (वर्तमान कोलकाता) में व्यापार जगत में प्रवेश किया। [[1912]] में किशोरावस्था में ही घनश्याम दास बिड़ला ने अपने ससुर एम. सोमानी की मदद से दलाली का व्यवसाय शुरू कर दिया। [[1918]] में घनश्याम दास बिड़ला ने ‘बिड़ला ब्रदर्स’ की स्थापना की। कुछ ही समय बाद घनश्याम दास बिड़ला ने [[दिल्ली]] की एक पुरानी कपड़ा मिल ख़रीद ली, उद्योगपति के रूप में यह घनश्याम दास बिड़ला का पहला अनुभव था। [[1919]] में घनश्याम दास बिड़ला ने जूट उद्योग में भी कदम रखा। [[1921]] में [[ग्वालियर]] में कपड़ा मिल की स्थापना की और [[1923]] से [[1924]] में उन्होंने केसोराम कॉटन मिल्स ख़रीद ली।
 
[[चित्र:Birla-Family-Chart.gif|बिड़ला परिवार का वंश वृक्ष|thumb]]
 
[[चित्र:Birla-Family-Chart.gif|बिड़ला परिवार का वंश वृक्ष|thumb]]
 
==औद्योगिक साम्राज्य==
 
==औद्योगिक साम्राज्य==
30 वर्ष की आयु तक पहुँचने तक उनका औद्योगिक साम्राज्य अपनी जड़े जमा चुका था। बिड़ला एक स्व- निर्मित व्यक्ति थे। और अपनी सच्चरित्रता तथा ईमानदारी के लिये विख्यात थे।
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30 वर्ष की आयु तक पहुँचने तक घनश्याम दास बिड़ला का औद्योगिक साम्राज्य अपनी जड़े जमा चुका था। बिड़ला एक स्व- निर्मित व्यक्ति थे। और अपनी सच्चरित्रता तथा ईमानदारी के लिये विख्यात थे।
 
==स्वतंत्रता आन्दोलन==
 
==स्वतंत्रता आन्दोलन==
वह एक सच्चे स्वदेशी और स्वतंत्रता आंदोलन के कट्टर समर्थक थे तथा [[महात्मा गांधी]] की गतिविधियों के लिए धन उपलब्ध कराने के लिये तत्पर रहते थे।
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घनश्याम दास बिड़ला एक सच्चे स्वदेशी और स्वतंत्रता आंदोलन के कट्टर समर्थक थे तथा [[महात्मा गांधी]] की गतिविधियों के लिए धन उपलब्ध कराने के लिये तत्पर रहते थे।
 
 
 
==बिड़ला उद्योग समूह==
 
==बिड़ला उद्योग समूह==
 
बिड़ला उद्योग समूह का, जिसका नेतृव्य उनके बेटे कर रहे हैं, व्यापार दक्षिण-पूर्वी एशिया और अफ्रीका में भी फैला हुआ है।
 
बिड़ला उद्योग समूह का, जिसका नेतृव्य उनके बेटे कर रहे हैं, व्यापार दक्षिण-पूर्वी एशिया और अफ्रीका में भी फैला हुआ है।
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[[Category:वाणिज्य_व्यापार_कोश]]
 
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[[Category:राजस्थान]]
 
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Revision as of 07:42, 24 September 2010

ghanashyam das bi dala
Ghanshyam Das Birla|thumb|200px
(janm-1894, pilani, rajasthan, bharat, mrityu.- 1983, muanbee),

bharat ke agrani audyogik samooh bi. ke. ke. em. bi dala samooh ke sansthapak, jisaki parisanpattiyaan 195 arab rupaye se adhik hai. is samooh ka mukhy vyavasay kap da, viskat filameant yarn, simeant, rasayanik padarth, bijali, urvarak, doorasanchar, vittiy seva aur elyuminiyam kshetr mean hai, jabaki agrani kanpaniyaan 'grasim iandastrij' aur 'seanchuri teksatail' haian.

parichay

ek sthaniy guru se aankaganit tatha hiandi ki aranbhik shiksha prapt karane ke bad, apane pita bi.di. bi dala ki prerana v sahayog se ghanashyam das bi dala ne kalakatta (vartaman kolakata) mean vyapar jagat mean pravesh kiya. 1912 mean kishoravastha mean hi ghanashyam das bi dala ne apane sasur em. somani ki madad se dalali ka vyavasay shuroo kar diya. 1918 mean ghanashyam das bi dala ne ‘bi dala bradars’ ki sthapana ki. kuchh hi samay bad ghanashyam das bi dala ne dilli ki ek purani kap da mil kharid li, udyogapati ke roop mean yah ghanashyam das bi dala ka pahala anubhav tha. 1919 mean ghanashyam das bi dala ne joot udyog mean bhi kadam rakha. 1921 mean gvaliyar mean kap da mil ki sthapana ki aur 1923 se 1924 mean unhoanne kesoram k aautan mils kharid li. bi dala parivar ka vansh vriksh|thumb

audyogik samrajy

30 varsh ki ayu tak pahuanchane tak ghanashyam das bi dala ka audyogik samrajy apani j de jama chuka tha. bi dala ek sv- nirmit vyakti the. aur apani sachcharitrata tatha eemanadari ke liye vikhyat the.

svatantrata andolan

ghanashyam das bi dala ek sachche svadeshi aur svatantrata aandolan ke kattar samarthak the tatha mahatma gaandhi ki gatividhiyoan ke lie dhan upalabdh karane ke liye tatpar rahate the.

bi dala udyog samooh

bi dala udyog samooh ka, jisaka netrivy unake bete kar rahe haian, vyapar dakshin-poorvi eshiya aur aphrika mean bhi phaila hua hai.


panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh
panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh