आदि केशवलू नायकर
आदि केशवलू नायकर
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पूरा नाम | आदि केशवलू नायकर |
जन्म | 1898 |
जन्म भूमि | मद्रास (वर्तमान चेन्नई) |
मृत्यु | 1964 |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | सार्वजनिक कार्यकर्ता और स्वतंत्रता सेनानी |
जेल यात्रा | 1941 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में वेलोर जेल में विनोबा भावे के साथ बंद थे। |
अन्य जानकारी | सन 1947 में आदि केशवलू नायकर मद्रास असेंबली के सदस्य चुने गए थे। 1941 वे व्यक्तिगत सत्याग्रह में भी शामिल थे। |
आदि केशवलू नायकर (जन्म- 1898, मद्रास; मृत्यु- 1964) जानेमाने सार्वजनिक कार्यकर्ता और स्वतंत्रता सेनानी थे। वे अहिंसा और असहयोग में पूरा विश्वास करते थे। आदि केशवलू नायकर नमक सत्याग्रह में सम्मिलित हुए थे। सन 1941 वे व्यक्तिगत सत्याग्रह में भी शामिल थे।
परिचय
मद्रास (वर्तमान चेन्नई) के सार्वजनिक कार्यकर्ता आदि केशवलू नायकर का जन्म सन 1898 ईस्वी में मद्रास में हुआ था। एस. सत्यमूर्ति आदि के प्रभाव से वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उनका अहिंसा और असहयोग में पूरा विश्वास था।[1]
क्रांतिकारी गतिविधियाँ
जब साइमन कमीशन मद्रास पहुंचा था, तब उसका विरोध करने वालों में आदि केशवलू नायकर प्रमुख थे। लाला लाजपत राय और पंडित गोविंद बल्लभ पंत की भांति उन्होंने भी लाठियों की मार सही। नमक आंदोलन में भी वे सम्मिलित हुए थे।
सन 1947 में आदि केशवलू नायकर मद्रास असेंबली के सदस्य चुने गए थे। 1941 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में वह वेलोर जेल में वह विनोबा भावे के साथ बंद थे।
मृत्यु
सन 1942 के आंदोलन में नायककर के सिर पर पुलिस ने इतनी लाठियां मारीं कि उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया और ऐसी ही दशा में इस देशभक्त का 1964 में निधन हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 74 |
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