स्वतंत्र और स्वच्छंद

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'स्वतंत्र' और 'स्वच्छंद' दोनों का अर्थ समान समझ लिया जाता है, पर ऐसा है नहीं। प्राय: 'स्वतंत्र' को लोग 'स्वच्छंद' समझ लेने की भूल कर बैठते हैं, परंतु इनमें जमीन-आसमान का अंतर है। 'स्व' दोनों में प्रबल है, आजादी दोनों में है, लेकिन स्वतंत्र' में एक तंत्र विद्यमान है जो स्वच्छंद नहीं होने देता।

स्वतंत्र

'तंत्र' यानी नियम, प्रबंध युक्त व्यवस्था। अंग्रेज़ी में कहें तो सिस्टम। स्पष्ट है 'स्वतंत्रता' में स्वेच्छाचारिता नहीं है, मनमानापन नहीं है।

स्वच्छंद

स्वतंत्रता का सुख दूसरों का खयाल करके चलने में है, जबकि 'स्वच्छंदता' अनुशासन की बाड़ तोड़कर चलती है। 'स्वच्छंदता' नियंत्रणहीन व्यवहार है, अराजकता का कारण बन सकती है।


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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