प्रकाश जावड़ेकर

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प्रकाश जावड़ेकर
पूरा नाम प्रकाश केशव जावड़ेकर
जन्म 30 जनवरी, 1951
जन्म भूमि पुणे, महाराष्ट्र
पति/पत्नी डॉ. प्राची जावड़ेकर
संतान दो
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ
पार्टी भारतीय जनता पार्टी
पद सूचना एवं प्रसारण मंत्री- 31 मई, 2019 से 7 जुलाई, 2021 तक

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री- 31 मई, 2019 से 7 जुलाई, 2021 तक
मानव संसाधन विकास मंत्री- 5 जुलाई, 2016 से 30 मई, 2019 तक
संसदीय कार्य मंत्री- 26 मई, 2014 से 9 नवम्बर, 2014 तक

शिक्षा बी.कॉम
विद्यालय पुणे विश्‍वविद्यालय
अन्य जानकारी लोकसभा चुनाव, 2014 के परिणाम आने के बाद सांसद नहीं होने के बावजूद प्रकाश जावड़ेकर को मंत्री परिषद में शामिल किया गया था और तीन महत्वपूर्ण विभाग उन्हें सौंपे गए थे।
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प्रकाश केशव जावड़ेकर (अंग्रेज़ी: Prakash Keshav Javadekar, जन्म- 30 जनवरी, 1951, पुणे, महाराष्ट्र) भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ हैं। इन्हें 2008 में महाराष्ट्र से संसद सदस्य के रूप में राज्यसभा के लिए निर्वाचित किया गया था। 2014 में वह मध्य प्रदेश से फिर से निर्वाचित हुए थे। वर्ष 2014 में भारतीय आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद प्रकाश जावड़ेकर को नरेंद्र मोदी द्वारा 'पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन' के लिए राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नियुक्त किया गया था।

परिचय

प्रकाश जावड़ेकर का जन्‍म 30 जनवरी, 1951 को महाराष्‍ट्र के पुणे शहर में एक शिक्षक के घर हुआ। प्रारंभिक शिक्षा पुणे के स्कूल से ही प्राप्‍त कर उन्होंने पुणे विश्‍वविद्यालय में बी.कॉम कोर्स में दाखिला लिया। प्रकाश जावड़ेकर की बहन एक स्कूल शिक्षक के रूप में काम कर रही हैं। उनकी पत्नी डॉ. प्राची जावड़ेकर एक अग्रणी शिक्षा शोधकर्ता और परामर्शदाता हैं और इंदिरा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, पुणे की पूर्व निदेशक हैं। उनके दो बेटे हैं- आशुतोष जावड़ेकर, जो एक दंत चिकित्सक और एक कलाकार हैं और अपूर्व जावड़ेकर, जो बोस्टन विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी कर रहे हैं।

राजनीतिक जीवन

प्रकाश जावड़ेकर अपने शिक्षण काल के दौरान ही 'अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद' (एबीवीपी) के सदस्‍य बन गए और कई आंदोलनों का नेतृत्‍व भी किया। उन्‍होंने 1971 में एबीवीपी का सदस्‍य रहते हुए महाराष्‍ट्र बैंक में ग्रामीण विकास विभाग, सिक यूनिट सेल तथा बैंक के रोजगार संवर्धन प्रोगाम विभाग में लगभग 10 वर्षों तक कार्य किया। उन्होंने 1975 में आपातकाल के दौरान सत्‍याग्रह आंदोलन का नेतृत्‍व भी किया। प्रकाश जावड़ेकर 1975 में पुणे विश्‍वविद्यालय के सीनेट सदस्‍य चुने गए थे।

वर्ष 1984 में प्रकाश जावड़ेकर पहली बार राष्‍ट्रीय स्‍तर की राजनीति में आए, जब वे 1984 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्‍ट्रीय सचिव व जनरल सेक्रेटरी बने। भाजपा में प्रकाश जावड़ेकर के महत्‍वपूर्ण योगदान को देखते हुए उन्‍हें महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रचार समिति का प्रमुख और महाराष्‍ट्र राज्‍य का सचिव बनाया गया। प्रकाश जावड़ेकर 1995 में महाराष्‍ट्र राज्‍य प्‍लानिंग बोर्ड का कार्यकारी अध्‍यक्ष चुना गया था। वर्ष 2000 में वे महाराष्‍ट्र सरकार में आईटी विभाग के टॉस्‍क फोर्स के चेयरमैन बने। 1994 और 2002 में वे महाराष्‍ट्र भाजपा के प्रवक्‍ता बने।

सत्याग्रह

आपातकाल के विरोध में प्रकाश जावड़ेकर ने सत्याग्रह किया और इसी दौरान वे 16 महीने तक जेल में रहे। उस दौरान संघ, जनसंघ और अन्य विचारों के प्रमुख नेताओं से मिले, उनसे सीखा और हमेशा उन सबसे अपना संपर्क बनाए रखा।

महत्त्वपूर्ण पद

लोकसभा चुनाव 2014 के परिणाम आने के बाद सांसद नहीं होने के बावजूद प्रकाश जावड़ेकर को मंत्री परिषद में शामिल किया गया और तीन महत्वपूर्ण विभागों-पर्यावरण मंत्रालय के स्वतंत्र प्रभार समेत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और संसदीय कार्य विभाग की जिम्मेदारी दी गई। प्रकाश जावड़ेकर 2016 में देश के नए शिक्षामंत्री बनाए गए। वोट के बदले नोट कांड का पर्दाफाश कर उस पूरे घटनाक्रम को लोगों के सामने लाने में भी जावड़ेकर ने अहम भूमिका निभाई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अहम पहलों का सबसे पहले समर्थन करने और उस पर अमल की शुरुआत में जावड़ेकर आगे रहे हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण गंगा नदी को लेकर उनकी कोशिशें रही हैं।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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