गोवा की संस्कृति: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
(One intermediate revision by one other user not shown)
Line 4: Line 4:
*1542 में यहाँ सेंट फ्रांसिस जेवियर का आगमन हुआ।  
*1542 में यहाँ सेंट फ्रांसिस जेवियर का आगमन हुआ।  
*उन्होंने यहाँ रहकर [[ईसाई धर्म]] का प्रचार-प्रसार किया। गोवा में 80 प्रतिशत लोग ईसाई हैं।
*उन्होंने यहाँ रहकर [[ईसाई धर्म]] का प्रचार-प्रसार किया। गोवा में 80 प्रतिशत लोग ईसाई हैं।
*गोवा में टाइट अकादमी की स्थापना की गई है।
*सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा कलाकारों को सहायता देने के लिए कला सम्मान, कलाकार कृतिदन्यता निधि जैसी विभिन्न योजनाएँ  चलाई जा रही हैं।




Line 24: Line 26:
[[Category:गोवा]]
[[Category:गोवा]]
[[Category:गोवा की संस्कृति]]
[[Category:गोवा की संस्कृति]]
[[Category:संस्कृति कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 06:53, 11 June 2011

  • सुरम्य सागरतट पर बसा गोवा प्रांत अपनी प्राकृतिक सुंदरता व अनूठी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।
  • आज़ादी से पहले यह प्रांत पुर्तग़ीज व फ्रांसीसियों का उपनिवेश रह चुका है।
  • इस वजह से आज भी यहाँ के रहन-सहन, भाषा व खानपान पर पश्चिमी संस्कृति का पूरा प्रभाव दिखाई देता है।
  • 1542 में यहाँ सेंट फ्रांसिस जेवियर का आगमन हुआ।
  • उन्होंने यहाँ रहकर ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार किया। गोवा में 80 प्रतिशत लोग ईसाई हैं।
  • गोवा में टाइट अकादमी की स्थापना की गई है।
  • सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा कलाकारों को सहायता देने के लिए कला सम्मान, कलाकार कृतिदन्यता निधि जैसी विभिन्न योजनाएँ चलाई जा रही हैं।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध


टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कडियाँ

संबंधित लेख