प्रवरसेन द्वितीय: Difference between revisions

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'''प्रवरसेन द्वितीय''' [[वाकाटक वंश|वाकाटक]] राजा [[रुद्रसेन द्वितीय]] का पुत्र और राज्य का उत्तराधिकारी थी। उसने [[प्रभावती गुप्त]] से [[विवाह]] किया था। प्रवरसेन द्वितीय 410 ई. के लगभग वाकाटक सिंहासन पर बैठा। उसने धीरे-धीरे [[गुप्त]] राजाओं की अधीनता से अपने को स्वतंत्र कर लिया था।
'''प्रवरसेन द्वितीय''' [[वाकाटक वंश|वाकाटक]] राजा [[रुद्रसेन द्वितीय]] का पुत्र और राज्य का उत्तराधिकारी था। रुद्रसेन द्वितीय का [[विवाह]] [[चन्द्रगुप्त द्वितीय]] की पुत्री [[प्रभावती गुप्ता]] के साथ सम्पन्न हुआ था। प्रवरसेन द्वितीय 410 ई. के लगभग वाकाटक सिंहासन पर बैठा। उसने धीरे-धीरे [[गुप्त]] राजाओं की अधीनता से अपने को स्वतंत्र कर लिया था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय इतिहास कोश |लेखक= सच्चिदानन्द भट्टाचार्य|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=250|url=}}</ref>


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Latest revision as of 11:29, 5 September 2012

प्रवरसेन द्वितीय वाकाटक राजा रुद्रसेन द्वितीय का पुत्र और राज्य का उत्तराधिकारी था। रुद्रसेन द्वितीय का विवाह चन्द्रगुप्त द्वितीय की पुत्री प्रभावती गुप्ता के साथ सम्पन्न हुआ था। प्रवरसेन द्वितीय 410 ई. के लगभग वाकाटक सिंहासन पर बैठा। उसने धीरे-धीरे गुप्त राजाओं की अधीनता से अपने को स्वतंत्र कर लिया था।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 250 |

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