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         '''[[दीपावली]]''' अथवा 'दिवाली' [[भारत]] के प्रमुख त्योहारों में से एक है। त्योहारों का जो वातावरण [[धनतेरस]] से प्रारम्भ होता है, वह आज के दिन पूरे चरम पर आता है। दीपावली की रात्रि को घरों तथा दुकानों पर भारी संख्या में [[दीपक]], मोमबत्तियां और बल्ब जलाए जाते हैं। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार [[कार्तिक]] [[अमावस्या]] को भगवान [[राम|श्रीराम]] चौदह वर्ष का वनवास काटकर [[अयोध्या]] लौटे थे, तब अयोध्यावासियों ने श्रीराम के राज्यारोहण पर दीपमालाएं जलाकर महोत्सव मनाया था। इस दिन [[महालक्ष्मी देवी|लक्ष्मी]] के पूजन का विशेष विधान है। रात्रि के समय प्रत्येक घर में धनधान्य की अधिष्ठात्री देवी [[महालक्ष्मी देवी|महालक्ष्मी]], विघ्न-विनाशक [[गणेश|गणेश जी]] और विद्या एवं कला की देवी मातेश्वरी [[सरस्वती]] की पूजा-आराधना की जाती है। [[ब्रह्म पुराण]] के अनुसार इस अर्धरात्रि में महालक्ष्मी स्वयं भूलोक में आती हैं और प्रत्येक सद्गृहस्थ के घर में विचरण करती हैं। जो घर हर प्रकार से स्वच्छ, शुद्ध और सुंदर तरीक़े से सुसज्जित और प्रकाशयुक्त होता है, वहां अंश रूप में ठहर जाती हैं। [[दीपावली|... और पढ़ें]]
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         '''[[आलम आरा]]''' [[भारत]] की पहली बोलती फ़िल्म है जिसका निर्देशन 'अर्देशिर ईरानी' ने किया था। आलम आरा का प्रदर्शन [[14 मार्च]] [[1931]] को हुआ था। फ़िल्म के नायक की भूमिका मास्टर विट्ठल और नायिका की भूमिका ज़ुबैदा ने निभाई थी। फ़िल्म में [[पृथ्वीराज कपूर]] की भी एक महत्त्वपूर्ण भूमिका थी। राजकुमार और बंजारिन की प्रेम कहानी पर आधारित यह फ़िल्म एक पारसी नाटक से प्रेरित थी। इसकी लंबाई 2 घंटे 4 मिनट की थी। भारत में कहीं भी अब इस फ़िल्म का कोई प्रिंट नहीं बचा है। आलम आरा का अकेला प्रिंट [[2003]] में [[पुणे]] के नेशनल फ़िल्म आर्काइव में लगी आग में भस्म हो गया। [[आलम आरा|... और पढ़ें]]
 
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Revision as of 12:39, 7 November 2013

ek alekh

        alam ara bharat ki pahali bolati film hai jisaka nirdeshan 'ardeshir eerani' ne kiya tha. alam ara ka pradarshan 14 march 1931 ko hua tha. film ke nayak ki bhoomika mastar vitthal aur nayika ki bhoomika zubaida ne nibhaee thi. film mean prithviraj kapoor ki bhi ek mahattvapoorn bhoomika thi. rajakumar aur banjarin ki prem kahani par adharit yah film ek parasi natak se prerit thi. isaki lanbaee 2 ghante 4 minat ki thi. bharat mean kahian bhi ab is film ka koee priant nahian bacha hai. alam ara ka akela priant 2003 mean pune ke neshanal film arkaiv mean lagi ag mean bhasm ho gaya. ... aur padhean


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