कल्पवृक्ष: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
 
Line 18: Line 18:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==


[[Category:हिन्दू धर्म कोश]]
[[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 12:13, 21 March 2014

कल्पवृक्ष स्वर्ग का एक विशेष वृक्ष है। पौराणिक धर्म ग्रंथों और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार यह माना जाता है कि इस वृक्ष के नीचे बैठकर व्यक्ति जो भी इच्छा करता है, वह पूर्ण हो जाती है। पुराणों के अनुसार समुद्र मंथन से प्राप्त 14 रत्नों में से कल्पवृक्ष भी एक था।

  • हिन्दुओं का यह विश्वास है कि कल्पवृक्ष के नीचे बैठकर जिस वस्तु की भी याचना की जाती है, वही मिलती है।
  • कल्पवृक्ष को अन्य कई नामों से भी जाना जाता है, जैसे-
  1. कल्पद्रुप
  2. कल्पतरु
  3. सुरतरु देवतरु
  4. कल्पलता
  • पुराणों के अनुसार समुद्र मंथन से प्राप्त यह वृक्ष देवराज इन्द्र को दे दिया गया था और इन्द्र ने इसकी स्थापना 'सुरकानन' में कर दी थी।
  • कल्पवृक्ष के विषय में यह भी कहा जाता है कि इसका नाश कल्पांत तक नहीं होता।
  • 'तूबा' नाम से ऐसे ही एक वृक्ष का वर्णन इस्लाम के धार्मिक साहित्य में भी मिलता है, जो सदा 'अदन'[1] में फूलता-फलता रहता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. (मुस्लिमों के स्वर्ग का उपवन)

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख