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*[[सूर्य ग्रह|सूर्य]] से [[चंद्र ग्रह|चन्द्र]] के अन्तर तक 97° से 108° तक नवमी होती है, तब [[शुक्ल पक्ष]] की नवमी और 277° से 288° तक कृष्ण नवमी रहती है।  
*[[सूर्य ग्रह|सूर्य]] से [[चंद्र ग्रह|चन्द्र]] के अन्तर तक 97° से 108° तक नवमी होती है, तब [[शुक्ल पक्ष]] की नवमी और 277° से 288° तक कृष्ण नवमी रहती है।  
*नवमी चन्द्र तिथि की स्वामिनी ‘[[दुर्गा|दुर्गा देवी]]’ है। यह ‘रिक्ता’ संज्ञक है। इसका विशेष नाम ‘उग्रा’ है। इसमें समस्त शुभ कार्य वर्जित है।  
*नवमी चन्द्र तिथि की स्वामिनी ‘[[दुर्गा|दुर्गा देवी]]’ है। यह ‘रिक्ता’ संज्ञक है। इसका विशेष नाम ‘उग्रा’ है। इसमें समस्त शुभ कार्य वर्जित है।  
*नवमी शनिवार को सिद्धिदा और गुरूवार को मृत्युदा होती है।  
*नवमी शनिवार को सिद्धिदा और गुरुवार को मृत्युदा होती है।  
*[[चैत्र]] मास में यह शून्य संज्ञक होती है।  
*[[चैत्र]] मास में यह शून्य संज्ञक होती है।  
*नवमी तिथि की दिशा पूर्व है।
*नवमी तिथि की दिशा पूर्व है।
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*विशेष – नवमी तिथि [[शुक्र ग्रह]] की जन्म तिथि है। इसलिये शुभ कार्यों में वर्जित करनी चाहिये।
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Latest revision as of 12:15, 21 March 2014

  • सूर्य से चन्द्र के अन्तर तक 97° से 108° तक नवमी होती है, तब शुक्ल पक्ष की नवमी और 277° से 288° तक कृष्ण नवमी रहती है।
  • नवमी चन्द्र तिथि की स्वामिनी ‘दुर्गा देवी’ है। यह ‘रिक्ता’ संज्ञक है। इसका विशेष नाम ‘उग्रा’ है। इसमें समस्त शुभ कार्य वर्जित है।
  • नवमी शनिवार को सिद्धिदा और गुरुवार को मृत्युदा होती है।
  • चैत्र मास में यह शून्य संज्ञक होती है।
  • नवमी तिथि की दिशा पूर्व है।
  • शिवपूजन के लिये यह तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ और कृष्ण पक्ष में शुभ होती है।
  • चन्द्रमा की इस नौवीं कला के अमृत का पान यमराज करते हैं।
  • विशेष – नवमी तिथि शुक्र ग्रह की जन्म तिथि है। इसलिये शुभ कार्यों में वर्जित करनी चाहिये।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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