पलामू: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
(4 intermediate revisions by 4 users not shown)
Line 1: Line 1:
{{पुनरीक्षण}}
{{पुनरीक्षण}}
*पलामू [[भारत]] के नव निर्मित [[झारखण्ड|झारखण्ड राज्य]] के पूर्वोत्तर भाग में स्थित है।  
'''पलामू''' [[भारत]] के नवनिर्मित [[झारखण्ड]] के पूर्वोत्तर भाग में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है। [[1857]] ई. के [[स्वतंत्रता संग्राम 1857|स्वतंत्रता संग्राम]] के दौरान पलामू इस प्रदेश का सर्वाधिक अशांत क्षेत्र था। पलामू में सबसे अधिक समय तक विद्रोह की ज्वाला धधकती रही थी।  
*पलामू को पहले डाल्टनगंज के नाम से पुकारा जाता था।
*1857 ई. के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पलामू इस प्रदेश का सर्वाधिक अशांत क्षेत्र था।  
*पलामू में सबसे अधिक समय तक विद्रोह की ज्वाला धधकती रही। पलामू में विद्रोह के दौरान स्थानीय जनजातियों ने पीताम्बर साही और नीलाम्बर साही के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर स्वयं को संगठित कर लिया था।
*संगठित लोगों ने [[अंग्रेज़]] समर्थक जमींदार रघुवीर दयाल सिंह से कड़ा मुकाबला किया। विद्रोह को दबाने के लिए जब अंग्रेज़ अधिकारी ग्राहम और डेविस सेना लेकर आए तो विद्रोह सरगुजा के जंगलों में जा छुपे। इधर पलामू में विद्रोह तीव्र हो गया।
*नवम्बर, 1857 को विद्रोहियों ने ''राजहरा कोयला कम्पनी'' पर हमला कर दिया, जिसके कारण अंग्रेज़ों को बहुत क्षति पहुँची।
*1858 ई. में कमिश्नर डाल्टन स्वयं पलामू आया। उसके साथ [[मद्रास]] रेजीमेंट के सिपाही और रामगढ़ की घुड़सवार सेना थी।  
*अंग्रेजी सेना ने क्रूर दमन चक्र चलाया। अंततः विद्रोही न नेता टिकैत उमराव सिंह और दीवान शेख भिखारी की गिरफ्तारी सम्भव हुई और 1858 ई. तक विद्रोह समाप्त हो गया।


*पलामू में विद्रोह के दौरान स्थानीय जनजातियों ने पीताम्बर साही और नीलाम्बर साही के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर स्वयं को संगठित कर लिया था।
*संगठित लोगों ने [[अंग्रेज़]] समर्थक ज़मींदार रघुवीर दयाल सिंह से कड़ा मुकाबला किया। विद्रोह को दबाने के लिए जब [[अंग्रेज़]] अधिकारी ग्राहम और डेविस सेना लेकर आए तो विद्रोही सरगुजा के जंगलों में जा छुपे। इधर पलामू में विद्रोह तीव्र हो गया।
*[[नवम्बर]], [[1857]] ई. को विद्रोहियों ने 'राजहरा कोयला कम्पनी' पर हमला कर दिया, जिसके कारण अंग्रेज़ों को बहुत क्षति पहुँची।
*[[1858]] ई. में कमिश्नर डाल्टन स्वयं पलामू आया। उसके साथ [[मद्रास]] रेजीमेंट के सिपाही और रामगढ़ की घुड़सवार सेना थी।
*अंग्रेज़ी सेना ने क्रूर दमन चक्र चलाया। अंततः विद्रोही नेता [[टिकैत उमराव सिंह]] और [[दीवान]] [[शेख़ भिखारी]] की गिरफ्तारी सम्भव हुई और 1858 ई. तक विद्रोह समाप्त हो गया।


 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{झारखण्ड के ऐतिहासिक स्थान}}
[[Category:झारखण्ड के ऐतिहासिक स्थान]]
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
[[Category:झारखण्ड]]
[[Category:झारखण्ड]]
[[Category:नया पन्ना]]
[[Category:नया पन्ना]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 13:06, 23 May 2014

चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

पलामू भारत के नवनिर्मित झारखण्ड के पूर्वोत्तर भाग में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है। 1857 ई. के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पलामू इस प्रदेश का सर्वाधिक अशांत क्षेत्र था। पलामू में सबसे अधिक समय तक विद्रोह की ज्वाला धधकती रही थी।

  • पलामू में विद्रोह के दौरान स्थानीय जनजातियों ने पीताम्बर साही और नीलाम्बर साही के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर स्वयं को संगठित कर लिया था।
  • संगठित लोगों ने अंग्रेज़ समर्थक ज़मींदार रघुवीर दयाल सिंह से कड़ा मुकाबला किया। विद्रोह को दबाने के लिए जब अंग्रेज़ अधिकारी ग्राहम और डेविस सेना लेकर आए तो विद्रोही सरगुजा के जंगलों में जा छुपे। इधर पलामू में विद्रोह तीव्र हो गया।
  • नवम्बर, 1857 ई. को विद्रोहियों ने 'राजहरा कोयला कम्पनी' पर हमला कर दिया, जिसके कारण अंग्रेज़ों को बहुत क्षति पहुँची।
  • 1858 ई. में कमिश्नर डाल्टन स्वयं पलामू आया। उसके साथ मद्रास रेजीमेंट के सिपाही और रामगढ़ की घुड़सवार सेना थी।
  • अंग्रेज़ी सेना ने क्रूर दमन चक्र चलाया। अंततः विद्रोही नेता टिकैत उमराव सिंह और दीवान शेख़ भिखारी की गिरफ्तारी सम्भव हुई और 1858 ई. तक विद्रोह समाप्त हो गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख