जायकवाड़ी परियोजना: Difference between revisions

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*जायकवाड़ी बाँध की कुल लंबाई लगभग 10 कि.मी. है। बाँध के पीछे काफ़ी बड़ा जलाशय बन गया है, जिसे 'नाथसागर जलाशय' कहते हैं।
*जायकवाड़ी बाँध की कुल लंबाई लगभग 10 कि.मी. है। बाँध के पीछे काफ़ी बड़ा जलाशय बन गया है, जिसे 'नाथसागर जलाशय' कहते हैं।
*इस बाँध का मुख्य उद्देशय [[महाराष्ट्र]] के [[मराठवाड़ा]] क्षेत्र में सिंचाई क्षमता में वृद्धि करना था।
*इस बाँध का मुख्य उद्देशय [[महाराष्ट्र]] के मराठवाड़ा क्षेत्र में सिंचाई क्षमता में वृद्धि करना था।
*बाँध के बनने से [[औरंगाबाद महाराष्ट्र|औरंगाबाद]], जलना, [[अहमदनगर]] और परभानी ज़िलों की सिंचाई होती है।
*बाँध के बनने से [[औरंगाबाद महाराष्ट्र|औरंगाबाद]], जलना, [[अहमदनगर]] और परभानी ज़िलों की सिंचाई होती है।
*यहाँ पर 12 मेगावाट की क्षमता का विद्युत गृह लगाया गया है।
*यहाँ पर 12 मेगावाट की क्षमता का विद्युत गृह लगाया गया है।

Latest revision as of 11:02, 19 November 2014

जायकवाड़ी परियोजना भारत की नदी घाटी परियोजना है। इस परियोजना में महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले में जायकवाड़ी गाँव के निकट गोदावरी नदी पर बाँध बनाया गया है।[1]

  • जायकवाड़ी बाँध की कुल लंबाई लगभग 10 कि.मी. है। बाँध के पीछे काफ़ी बड़ा जलाशय बन गया है, जिसे 'नाथसागर जलाशय' कहते हैं।
  • इस बाँध का मुख्य उद्देशय महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में सिंचाई क्षमता में वृद्धि करना था।
  • बाँध के बनने से औरंगाबाद, जलना, अहमदनगर और परभानी ज़िलों की सिंचाई होती है।
  • यहाँ पर 12 मेगावाट की क्षमता का विद्युत गृह लगाया गया है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारत में बहुउद्देशीय परियोजनाएँ (हिन्दी) वाइवेस पेनोरमा। अभिगमन तिथि: 19 नवम्बर, 2014।

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