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*बरिंद [[गंगा]] ([[पद्मा नदी|पद्मा]]) और [[ब्रह्मपुत्र]] ([[जमुना नदी|जमुना]]) के संगम स्थल के पश्चिमोत्तर में स्थित हैं।  
*बरिंद [[गंगा]] ([[पद्मा नदी|पद्मा]]) और [[ब्रह्मपुत्र]] ([[जमुना नदी|जमुना]]) के संगम स्थल के पश्चिमोत्तर में स्थित हैं।  
*इसके किनारे महानंदा (पश्चिम) और करटहा (पूर्व) नदी के बाढ़ के मैदान हैं, ये दोनों नदियाँ क्रमश: गंगा और ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियाँ हैं।  
*इसके किनारे महानंदा (पश्चिम) और करटहा (पूर्व) नदी के बाढ़ के मैदान हैं, ये दोनों नदियाँ क्रमश: गंगा और ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियाँ हैं।  
*बरिंद अपेक्षाकृत उच्च और लहरदार क्षेत्र है, जो एक प्रचीन जलोढ़ संरचना से संबधित है।  
*बरिंद अपेक्षाकृत उच्च और लहरदार क्षेत्र है, जो एक प्राचीन जलोढ़ संरचना से संबंधित है।  
*यह आमतौर पर पीली लालिमायुक्त भूरापन लिए [[मिट्टी]] की परत से बना है, जो अपक्षीण होकर पीलापन लिए चिकनी मिट्टी में बदल जाती है।  
*यह आमतौर पर पीली लालिमायुक्त भूरापन लिए [[मिट्टी]] की परत से बना है, जो अपक्षीण होकर पीलापन लिए चिकनी मिट्टी में बदल जाती है।  
*खड्डों से कटी हुई यह भूमि अत्रई नदी और इसकी एक सहायक नदी जमुना या छोटी जमुना<ref>पूर्व की ब्रह्मपुत्र नदी से भिन्न</ref> द्वारा छोटे खंडों में विभाजित की गई है।  
*खड्डों से कटी हुई यह भूमि अत्रई नदी और इसकी एक सहायक नदी जमुना या छोटी जमुना<ref>पूर्व की ब्रह्मपुत्र नदी से भिन्न</ref> द्वारा छोटे खंडों में विभाजित की गई है।  
*[[कृषि]] भूमि समान्यत: सिंचित है और बंजर व झाड़ीदार भूमि के बीच स्थित है।  
*[[कृषि]] भूमि समान्यत: सिंचित है और बंजर व झाड़ीदार भूमि के बीच स्थित है।  
*[[चावल]] बरिंद की मुख्य फ़सल है, लेकिन [[गेहूँ]], सरसों, दलहन और ताड़ भी उगाया जाता है।  
*[[चावल]] बरिंद की मुख्य फ़सल है, लेकिन [[गेहूँ]], सरसों, दलहन और ताड़ भी उगाया जाता है।  
*बरिंद के पूर्व और दक्षिण-पूर्व में निचला अत्रई बेसिन है, जो निचली दलदली भूमि का विशाल क्षेत्र है और वर्षा ॠतु के दौरान पूरी तरह बाढ़ग्रस्त हो जाता है। इसी कारण यहाँ बस्तियों को मिट्टी के टीलों पर बसाया जाता है।  
*बरिंद के पूर्व और दक्षिण-पूर्व में निचला अत्रई बेसिन है, जो निचली दलदली भूमि का विशाल क्षेत्र है और [[वर्षा]] ॠतु के दौरान पूरी तरह बाढ़ग्रस्त हो जाता है। इसी कारण यहाँ बस्तियों को मिट्टी के टीलों पर बसाया जाता है।  
*बरिंद क्षेत्र की उपजाऊ मिट्टी चावल की खेती के लिए खासतौर पर उपयुक्त है, बशर्ते पानी उपलब्ध हो।
*बरिंद क्षेत्र की उपजाऊ मिट्टी चावल की खेती के लिए ख़ासतौर पर उपयुक्त है, बशर्ते पानी उपलब्ध हो।


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  • बरिंद बांग्लादेश के पश्चिमोत्तर भागों और पश्चिम बंगाल राज्य के उत्तर-मध्य में स्थित एक भौगोलिक क्षेत्र है।
  • बरिंद गंगा (पद्मा) और ब्रह्मपुत्र (जमुना) के संगम स्थल के पश्चिमोत्तर में स्थित हैं।
  • इसके किनारे महानंदा (पश्चिम) और करटहा (पूर्व) नदी के बाढ़ के मैदान हैं, ये दोनों नदियाँ क्रमश: गंगा और ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियाँ हैं।
  • बरिंद अपेक्षाकृत उच्च और लहरदार क्षेत्र है, जो एक प्राचीन जलोढ़ संरचना से संबंधित है।
  • यह आमतौर पर पीली लालिमायुक्त भूरापन लिए मिट्टी की परत से बना है, जो अपक्षीण होकर पीलापन लिए चिकनी मिट्टी में बदल जाती है।
  • खड्डों से कटी हुई यह भूमि अत्रई नदी और इसकी एक सहायक नदी जमुना या छोटी जमुना[1] द्वारा छोटे खंडों में विभाजित की गई है।
  • कृषि भूमि समान्यत: सिंचित है और बंजर व झाड़ीदार भूमि के बीच स्थित है।
  • चावल बरिंद की मुख्य फ़सल है, लेकिन गेहूँ, सरसों, दलहन और ताड़ भी उगाया जाता है।
  • बरिंद के पूर्व और दक्षिण-पूर्व में निचला अत्रई बेसिन है, जो निचली दलदली भूमि का विशाल क्षेत्र है और वर्षा ॠतु के दौरान पूरी तरह बाढ़ग्रस्त हो जाता है। इसी कारण यहाँ बस्तियों को मिट्टी के टीलों पर बसाया जाता है।
  • बरिंद क्षेत्र की उपजाऊ मिट्टी चावल की खेती के लिए ख़ासतौर पर उपयुक्त है, बशर्ते पानी उपलब्ध हो।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पूर्व की ब्रह्मपुत्र नदी से भिन्न

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख