जरसोप्पा: Difference between revisions

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*यहाँ के मंदिरों की छतों को पाटने के लिए पत्थरों को ढलाव के साथ रखा गया है, जो देश के इस भाग में होने वाली [[वर्षा]] को देखते हुए आवश्यक जान पड़ता है।
*कनारा ज़िले के मध्य युगीन अर्थात 16वीं शती तक के मंदिरों में पटे हुए प्रदक्षिणापथ [[गुप्त]] मंदिरों के ही अनुरूप हैं।
*कनारा ज़िले के मध्य युगीन अर्थात् 16वीं शती तक के मंदिरों में पटे हुए प्रदक्षिणापथ [[गुप्त]] मंदिरों के ही अनुरूप हैं।
*मंदिर के गर्भगृह के सामने एक मंडप की उपस्थिति इन मंदिरों का सामान्य लक्षण है।
*मंदिर के गर्भगृह के सामने एक मंडप की उपस्थिति इन मंदिरों का सामान्य लक्षण है।



Latest revision as of 07:51, 7 November 2017

जरसोप्पा मैसूर, कर्नाटक में स्थित ऐतिहासिक स्थान है। मुडाबदरी की भाँति ही इस स्थान पर मध्य युगीन मंदिरों के अवशेष पाए गए हैं। ये मंदिर पूर्व गुप्त कालीन मंदिरों की भाँति वर्गाकार तथा शिखर रहित हैं।[1]

  • यहाँ के मंदिरों की छतों को पाटने के लिए पत्थरों को ढलाव के साथ रखा गया है, जो देश के इस भाग में होने वाली वर्षा को देखते हुए आवश्यक जान पड़ता है।
  • कनारा ज़िले के मध्य युगीन अर्थात् 16वीं शती तक के मंदिरों में पटे हुए प्रदक्षिणापथ गुप्त मंदिरों के ही अनुरूप हैं।
  • मंदिर के गर्भगृह के सामने एक मंडप की उपस्थिति इन मंदिरों का सामान्य लक्षण है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 358 |

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