आगा ख़ाँ तृतीय: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''आगा ख़ाँ तृतीय''' (अंग्रेज़ी: ''Aga Khan III'', जन्म- [[2 नवम्बर]...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
(One intermediate revision by the same user not shown)
Line 1: Line 1:
'''आगा ख़ाँ तृतीय''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Aga Khan III'', जन्म- [[2 नवम्बर]], [[1877]], कराची; मृत्यु- [[11 जुलाई]], [[1957]], स्विट्जरलैंड) शियाओं के निजारी इस्माईली मत के आध्यात्मिक नेता थे। ये आगा ख़ाँ द्वितीय के एकलौते बेटे थे। सन [[1885]] में आगा ख़ाँ तृतीय अपने पिता के उत्तराधिकारी के रूप में निजारी इस्माईली संप्रदाय के इमाम बने थे।
{{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व
|चित्र=Aga-Khan-III.jpg
|चित्र का नाम=आगा ख़ाँ तृतीय
|पूरा नाम=आगा सुल्तान मुहम्मद शाह
|अन्य नाम=
|जन्म=[[2 नवम्बर]], [[1877]]
|जन्म भूमि=कराची
|मृत्यु=[[11 जुलाई]], [[1957]]
|मृत्यु स्थान=स्विट्जरलैंड
|अभिभावक=
|पति/पत्नी=
|संतान=
|गुरु=
|कर्म भूमि=[[भारत]]
|कर्म-क्षेत्र=
|मुख्य रचनाएँ=
|विषय=
|खोज=
|भाषा=
|शिक्षा=
|विद्यालय=
|पुरस्कार-उपाधि=
|प्रसिद्धि=आध्यात्मिक नेता (शिया निजारी इस्माईली सम्प्रदाय)
|विशेष योगदान=
|नागरिकता=
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=उपाधि
|पाठ 1=आगा ख़ाँ तृतीय
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|शीर्षक 3=
|पाठ 3=
|शीर्षक 4=
|पाठ 4=
|शीर्षक 5=
|पाठ 5=
|अन्य जानकारी=आगा ख़ाँ को घुड़दौड़ का बहुत शौक था। वह [[गोल्फ]], [[क्रिकेट]] और [[हॉकी]] के खेलों में भी रुचि लेते थे। आप 10 वर्ष तक '[[अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय|अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी]]' के वे उपकुलपति रहे।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
}}
'''आगा सुल्तान मुहम्मद शाह''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Aga Sultan Muhammed Shah'', जन्म- [[2 नवम्बर]], [[1877]], कराची; मृत्यु- [[11 जुलाई]], [[1957]], स्विट्जरलैंड) शियाओं के निजारी इस्माईली मत के आध्यात्मिक नेता थे। ये आगा ख़ाँ द्वितीय के एकलौते बेटे थे। सन [[1885]] में आगा ख़ाँ तृतीय अपने पिता के उत्तराधिकारी के रूप में निजारी इस्माईली संप्रदाय के इमाम बने थे।
==परिचय==
==परिचय==
आगा ख़ाँ तृतीय का पूरा नाम आगा सुल्तान मुहम्मद शाह था। उनका जन्म 2 नवंबर, 1877 को कराची, पाकिस्तान में हुआ था। उनके दादा मुहम्मद हुसैन [[फ़ारस]] के रहने वाले थे और फ़ारस के  शाह ने उन्हें आगा ख़ाँ की उपाधि दी थी। तब से उनके वंशज भी जो मुसलमानों के इस्लामिया समुदाय के गुरु थे, आगा ख़ाँ कहलाने लगे। सुल्तान मुहम्मद शाह को 8 वर्ष की उम्र में ही इमाम की गद्दी मिल गई थी। उनके पूर्वज तब तक ईरान से [[सिंध]] होते हुए [[मुंबई]] में बस चुके थे।
आगा ख़ाँ तृतीय का पूरा नाम आगा सुल्तान मुहम्मद शाह था। उनका जन्म 2 नवंबर, 1877 को कराची, पाकिस्तान में हुआ था। उनके दादा मुहम्मद हुसैन [[फ़ारस]] के रहने वाले थे और फ़ारस के  शाह ने उन्हें आगा ख़ाँ की उपाधि दी थी। तब से उनके वंशज भी जो मुसलमानों के इस्लामिया समुदाय के गुरु थे, आगा ख़ाँ कहलाने लगे। सुल्तान मुहम्मद शाह को 8 वर्ष की उम्र में ही इमाम की गद्दी मिल गई थी। उनके पूर्वज तब तक ईरान से [[सिंध]] होते हुए [[मुंबई]] में बस चुके थे।

Latest revision as of 08:04, 28 April 2018

आगा ख़ाँ तृतीय
पूरा नाम आगा सुल्तान मुहम्मद शाह
जन्म 2 नवम्बर, 1877
जन्म भूमि कराची
मृत्यु 11 जुलाई, 1957
मृत्यु स्थान स्विट्जरलैंड
कर्म भूमि भारत
प्रसिद्धि आध्यात्मिक नेता (शिया निजारी इस्माईली सम्प्रदाय)
उपाधि आगा ख़ाँ तृतीय
अन्य जानकारी आगा ख़ाँ को घुड़दौड़ का बहुत शौक था। वह गोल्फ, क्रिकेट और हॉकी के खेलों में भी रुचि लेते थे। आप 10 वर्ष तक 'अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी' के वे उपकुलपति रहे।

आगा सुल्तान मुहम्मद शाह (अंग्रेज़ी: Aga Sultan Muhammed Shah, जन्म- 2 नवम्बर, 1877, कराची; मृत्यु- 11 जुलाई, 1957, स्विट्जरलैंड) शियाओं के निजारी इस्माईली मत के आध्यात्मिक नेता थे। ये आगा ख़ाँ द्वितीय के एकलौते बेटे थे। सन 1885 में आगा ख़ाँ तृतीय अपने पिता के उत्तराधिकारी के रूप में निजारी इस्माईली संप्रदाय के इमाम बने थे।

परिचय

आगा ख़ाँ तृतीय का पूरा नाम आगा सुल्तान मुहम्मद शाह था। उनका जन्म 2 नवंबर, 1877 को कराची, पाकिस्तान में हुआ था। उनके दादा मुहम्मद हुसैन फ़ारस के रहने वाले थे और फ़ारस के शाह ने उन्हें आगा ख़ाँ की उपाधि दी थी। तब से उनके वंशज भी जो मुसलमानों के इस्लामिया समुदाय के गुरु थे, आगा ख़ाँ कहलाने लगे। सुल्तान मुहम्मद शाह को 8 वर्ष की उम्र में ही इमाम की गद्दी मिल गई थी। उनके पूर्वज तब तक ईरान से सिंध होते हुए मुंबई में बस चुके थे।

शिक्षा

आगा ख़ाँ ने धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ अंग्रेज़ अध्यापकों से पश्चिमी शिक्षा भी प्राप्त की। वह फिर पश्चिमी देशों की यात्रा पर निकल गए। उनको केवल धार्मिक मामलों से संतोष नहीं था। वह राजनीति और शिक्षा के क्षेत्र में भी रुचि लेने लगे थे। 10 वर्ष तक 'अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी' के वे उपकुलपति रहे।

मुस्लिम लीग के सदस्य

आगा ख़ाँ तृतीय 'मुस्लिम लीग' के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और सात वर्ष तक उन्होंने लीग का अध्यक्ष पद भी संभाला।

अंग्रेज़ नीति के समर्थक

आगा ख़ाँ अंग्रेज़ों की भारतीय नीति के समर्थक थे। सरकार ने उन्हें अपना प्रतिनिधि बनाकर समय-समय पर अन्य देशों को भेजा। 'गोलमेज सम्मेलन' और राष्ट्र संघ की बैठक में भी उन्होंने भाग लिया। ब्रिटिश सरकार की ओर से उन्हें अनेक उपाधियां भी मिली थीं।

खेलों में रुचि

आगा ख़ाँ को घुड़दौड़ का बहुत शौक था। वह गोल्फ, क्रिकेट और हॉकी के खेलों में भी रुचि लेते थे। अंग्रेज़ों की रीति-नीति से उनकी निकटता के कारण भारत में बहुत-से लोग उनके प्रति संदेह की भावना रखते थे।

मृत्यु

आगा ख़ाँ तृतीय का निधन सन 11 जुलाई, 1957 में हुआ।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख