आनन्दपुर साहिब: Difference between revisions
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*सिखों के दसवें [[गुरु गोविंद सिंह]] ने [[औरंगजेब]] की [[हिंदू]] विद्वेषी नीति से हिंदुओं की रक्षा करने के लिए ही खालसा पंथ की स्थापना करके सिख-संप्रदाय को सुदृढ़ एवं संगठित रूप प्रदान किया था। उन्होंने ही इस ग्राम का नामकरण भी किया था। | *सिखों के दसवें [[गुरु गोविंद सिंह]] ने [[औरंगजेब]] की [[हिंदू]] विद्वेषी नीति से हिंदुओं की रक्षा करने के लिए ही खालसा पंथ की स्थापना करके सिख-संप्रदाय को सुदृढ़ एवं संगठित रूप प्रदान किया था। उन्होंने ही इस ग्राम का नामकरण भी किया था। | ||
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Latest revision as of 12:17, 4 May 2018
आनन्दपुर साहिब
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विवरण | आनन्दपुर साहिब की विशेष ख्याति उसके सिख खालसा पंथ का जन्मस्थान होने के नाते है। |
राज्य | पंजाब |
ज़िला | रूपनगर |
निर्माता | तेगबहादुर सिंह गुरु |
स्थापना | 1665 ई. |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 31° 13' 48.00", पूर्व- 76° 30' 0.00" |
मार्ग स्थिति | आनन्दपुर साहिब, आनन्दपुर साहिब रेलवे स्टेशन से लगभग 1 से 2 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। |
कैसे पहुँचें | हवाई जहाज़, रेल, बस आदि |
हवाई अड्डा | राजा सांसी हवाई अड्डा, श्री गुरु राम दास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा |
रेलवे स्टेशन | अमृतसर रेलवे स्टेशन, आनन्दपुर साहिब रेलवे स्टेशन |
बस अड्डा | अमृतसर बस अड्डा, आनन्दपुर साहिब बस अड्डा |
यातायात | टैक्सी, ऑटो रिक्शा, रिक्शा |
कहाँ ठहरें | होटल, अतिथि ग्रह, धर्मशाला |
एस.टी.डी. कोड | 0183 |
ए.टी.एम | लगभग सभी |
चित्र:Map-icon.gif | गूगल मानचित्र |
संबंधित लेख | जलियाँवाला बाग़, खरउद्दीन मस्जिद, बाघा बॉर्डर, हाथी गेट मंदिर, अकाल तख्त, दुर्गियाना मंदिर, श्री केशगढ़ साहिब
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अन्य जानकारी | सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह ने औरंगजेब की हिंदू विद्वेषी नीति से हिंदुओं की रक्षा करने के लिए ही खालसा पंथ की स्थापना करके सिख-संप्रदाय को सुदृढ़ एवं संगठित रूप प्रदान किया था। उन्होंने ही इस ग्राम का नामकरण भी किया था। |
अद्यतन | 15:55, 13 जनवरी 2012 (IST)
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आनन्दपुर साहिब पंजाब के अमृतसर में स्थित एक गुरुद्वारा है। आनन्दपुर साहिब गुरुद्वारे की स्थापना सिक्खों के नवें गुरु तेगबहादुर सिंह गुरु ने 1664 ई.में की थी।
- आनन्दपुर साहिब की विशेष ख्याति उसके सिख खालसा पंथ का जन्मस्थान होने के नाते है।
- शिवालिक पहाड़ियों की गोद में सतलुज नदी के पूर्वी किनारे पर बसा आनन्दपुर साहिब प्रसिद्ध सिक्ख धर्मस्थल है।
- आनन्दपुर साहिब में वैशाखी के दिन 1699 ई.में सिक्ख पंथ की स्थापना हुई थी।
- सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह ने औरंगजेब की हिंदू विद्वेषी नीति से हिंदुओं की रक्षा करने के लिए ही खालसा पंथ की स्थापना करके सिख-संप्रदाय को सुदृढ़ एवं संगठित रूप प्रदान किया था। उन्होंने ही इस ग्राम का नामकरण भी किया था।
thumb|250|left|आनन्दपुर साहिब, रूपनगर
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 63| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार