ऐटा: Difference between revisions

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Latest revision as of 11:06, 18 July 2018

ऐटा या आएटा फ़िलीपीन द्वीपसमूह के बड़े द्वीप लूज़ॉन तथा कुछ अन्य छोटे-छोटे द्वीपों के पहाड़ी अंचलों में निवास करनेवाली एक प्रकार की हब्शी आदिम जाति है। ये कद में नाटे (पुरुषों की ऊँचाई प्राय: 4 फुट 9 इंच), काले वर्ग के तथा ऊन की तरह घुँघराले बालोंवाले होते हैं। इनके पैर आकार में लंबे तथा अग्र भाग कुछ मुड़ा हुआ एवं देखने में बेडौल प्रतीत होता है। इनमें परिवार को सामाजिक इकाई माना जाता है। बहुविवाह समाज द्वारा स्वीकृत है, परंतु एक विवाह ही अधिक प्रचलित है। इनके यहाँ मृतकों को गाड़ने की प्रथा है; किंतु किसी मृतक को यदि संमानित करना होता है तो उसका शव नगर या ग्राम से दूर एक लकड़ी के मचान या वृक्ष पर रख दिया जाता है। इनमें धनुष तथा विषाक्त तीरों का, लंबे भाले तथा बर्छियों या आयुधों के रूप में प्रयोग किया जाता है। इनके प्रयोग में ये बड़े निपुण हैं, परंतु अग्नि प्रज्वलित करने की पुरानी विधि (लकड़ियों को आपस में रगड़कर) अभी तक प्रचलित है। धार्मिक कृत्यों के समय ये लोग प्राय: विशाल सर्पो (अजगरों) की पूजा करते हैं जिसके अंतर्गत उन पूज्य सर्पराजों को जमीकंद एवं मधु अर्पित किया जाता है।

लूज़ॉन द्वीप में मलयवासियों के बसने के पहले इस भूखंड पर इसी ऐटा जाति का स्वामित्व रहा। ये 'टागालोग' इत्यादि जातियों से तब तक कर वसूलते रहे जब तक जनशक्ति अधिक हो जाने पर उन्होंने इन्हें पहाड़ी अंचलों में खदेड़ नहीं भगाया।

कर न देनेवाले का सिर उतार लेने की प्रथा भी प्रचलित थी। बहुत काल तक, संभवत: अभी तक, ये ऐटा लोग 'इगोरोट्स' तथा अन्य पड़ोसियों से हुए युद्धों में मारे गए शत्रुओं की खोपड़ियों को एकत्रित कर उनका हिसाब किताब रखते आए हैं।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 273 |

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