जीन जुरदा: Difference between revisions

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*'''जीन जुरदा''' 16वीं-17वीं शताब्दी का एक प्रमुख यूरोपीय [[विदेशी यात्री]] था।
*'''जीन जुरदा''' 16वीं-17वीं [[शताब्दी]] में [[भारत]] आया एक प्रमुख यूरोपीय [[विदेशी यात्री]] था। उसने भारत के प्रमुख व्यापारिक स्थलों का विस्तृत विवरण दिया है। जीन जुरदा 1608 ई. में [[भारत]] आया और 1617 ई. तक यहाँ रहा।
*उसने [[आगरा]] को दुनिया के सबसे बड़े नगरों में उल्लिखित किया है।
 
*जुरदा ने [[मुग़ल|मुग़लों]] के सम्पूर्ण साम्राज्य में सैनिकों द्वारा उत्कृष्ट सुरक्षा व्यवस्था की प्रशंसा की है। उसने विशेष रूप से [[बुरहानपुर]] का वर्णन किया है।
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*उसने ‘बैरमी’ तथा ‘जरबफ़्त’ नामक वस्त्रों के निर्माण की जानकारी दी है।
*[[आगरा]] को जीन जुरदा ने दुनिया के सबसे बड़े नगरों में उल्लिखित किया है।
*जुरदा ने ख़ूबसूरती और व्यापार के मामले में [[खंभात]] को [[भारत]] का अच्छा शहर बताया, जहाँ [[पुर्तग़ाली]] व्यापार करते थे।
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Latest revision as of 05:01, 7 January 2020

  • जीन जुरदा 16वीं-17वीं शताब्दी में भारत आया एक प्रमुख यूरोपीय विदेशी यात्री था। उसने भारत के प्रमुख व्यापारिक स्थलों का विस्तृत विवरण दिया है। जीन जुरदा 1608 ई. में भारत आया और 1617 ई. तक यहाँ रहा।
  • जुरदा ने मुग़लों के सम्पूर्ण साम्राज्य में सैनिकों द्वारा उत्कृष्ट सुरक्षा व्यवस्था की प्रशंसा की है। उसने विशेष रूप से बुरहानपुर का वर्णन किया है।
  • अपने विवरणों में उसने बताया है कि सूरत-बुरहानपुर-आगरा मार्ग तथा आगरा-खम्भात मार्ग उस समय के प्रसिद्ध मार्ग थे।
  • उसने ‘बैरमी’ तथा ‘जरबफ़्त’ नामक वस्त्रों के निर्माण की जानकारी दी है।
  • आगरा को जीन जुरदा ने दुनिया के सबसे बड़े नगरों में उल्लिखित किया है।
  • जुरदा ने ख़ूबसूरती और व्यापार के मामले में खंभात को भारत का अच्छा शहर बताया, जहाँ पुर्तग़ाली व्यापार करते थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख