हीराकुंड परियोजना: Difference between revisions

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'''हीराकुंड परियोजना''' [[भारत]] की [[नदी घाटी परियोजनाएँ|नदी घाटी परियोजनाओं]] में से एक है। इस परियोजना के अंतर्गत [[उड़ीसा|उड़ीसा राज्य]] में [[संबलपुर ज़िला|संबलपुर ज़िले]] से 15 कि.मी. दूर [[महानदी]] पर हीराकुंड बाँध बनाया गया है।
'''हीराकुंड परियोजना''' [[भारत]] की [[नदी घाटी परियोजनाएँ|नदी घाटी परियोजनाओं]] में से एक है। इस परियोजना के अंतर्गत [[उड़ीसा|उड़ीसा राज्य]] में [[संबलपुर ज़िला|संबलपुर ज़िले]] से 15 कि.मी. दूर [[महानदी]] पर हीराकुंड बाँध बनाया गया है।


*हीराकुंड बाँध का निर्माण सन [[1948]] में शुरू हुआ था और यह [[1953]] में बनकर पूर्ण हुआ। वर्ष [[1957]] में यह बाँध पूरी तरह से कम करने लगा था।
*हीराकुंड बाँध का निर्माणसन्[[1948]] में शुरू हुआ था और यह [[1953]] में बनकर पूर्ण हुआ। वर्ष [[1957]] में यह बाँध पूरी तरह से कम करने लगा था।
*इस बाँध की लंबाई 4.8 कि.मी. है तथा तटबंध सहित इसकी कुल लंबाई 25.8 कि.मी. है।
*इस बाँध की लंबाई 4.8 कि.मी. है तथा तटबंध सहित इसकी कुल लंबाई 25.8 कि.मी. है।
*बाँध के तटबंध के कारण 743 वर्ग कि.मी. लंबी एक कृतिम [[झील]] बन गयी है। इसे 'हीराकुंड' कहते हैं।
*बाँध के तटबंध के कारण 743 वर्ग कि.मी. लंबी एक कृतिम [[झील]] बन गयी है। इसे 'हीराकुंड' कहते हैं।

Latest revision as of 09:46, 11 February 2021

[[चित्र:Hirakud-Dam.jpg|thumb|250px|महानदी पर निर्मित हीराकुंड बाँध]] हीराकुंड परियोजना भारत की नदी घाटी परियोजनाओं में से एक है। इस परियोजना के अंतर्गत उड़ीसा राज्य में संबलपुर ज़िले से 15 कि.मी. दूर महानदी पर हीराकुंड बाँध बनाया गया है।

  • हीराकुंड बाँध का निर्माणसन्1948 में शुरू हुआ था और यह 1953 में बनकर पूर्ण हुआ। वर्ष 1957 में यह बाँध पूरी तरह से कम करने लगा था।
  • इस बाँध की लंबाई 4.8 कि.मी. है तथा तटबंध सहित इसकी कुल लंबाई 25.8 कि.मी. है।
  • बाँध के तटबंध के कारण 743 वर्ग कि.मी. लंबी एक कृतिम झील बन गयी है। इसे 'हीराकुंड' कहते हैं।
  • हीराकुंड बाँध में दो अलग-अलग जल विद्युत-गृह हैं। यह विद्युत-गृह 'चिपलिम्मा' नामक स्थान पर हैं।
  • विद्युत-गृहों की कुल क्षमता 307.5 मेगावाट है। इस विद्युत-शक्ति का उपयोग उड़ीसा, बिहार, झारखंड में विभिन्न कारखानों तथा औद्योगिक इकाइयों में किया जा रहा है।
  • बाँध से तीन मुख्य नहरें निकाली गयी हैं। दाहिनी ओर 'बोरागढ़ नहर' और बाईं ओर से 'सासन' और 'संबलपुर नहर'। इन नहरों से संबलपुर, बोलमगिरी, पुरीकटक ज़िलों की सिंचाई होती है।[1]
  • यह परियोजना 'राऊरकेला स्टील प्लान्ट' को विद्युत प्रदान करती है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारत में बहुउद्देशीय परियोजनाएँ (हिन्दी) वाइवेस पेनोरमा। अभिगमन तिथि: 14 नवम्बर, 2014।

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