मिहिर भोज की ग्वालियर प्रशस्ति: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''मिहिर भोज की ग्वालियर प्रशस्ति''' *गुर्जर प्रतिहा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
Line 1: Line 1:
'''मिहिर भोज की ग्वालियर प्रशस्ति'''
'''मिहिर भोज की ग्वालियर प्रशस्ति'''


*[[गुर्जर प्रतिहार वंश|गुर्जर प्रतिहारों]] के लेखों में सर्वाधिक उल्लेखनीय [[मिहिर भोज]] का ग्वालियर अभिलेख है, जो एक प्रशस्ति के रूप में है। इसमें कोई [[तिथि]] अंकित नहीं है।<ref name="pp">{{cite web ।url=https://samanyagyanedu.in/%e0%a4%85%e0%a4%ad%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%96-part-04/ ।title=राजस्थान के अभिलेख।accessmonthday=22 दिसम्बर।accessyear=2021 ।last= ।first= ।authorlink= ।format= ।publisher= samanyagyanedu.in।language=हिंदी}}</ref>
*[[गुर्जर प्रतिहार वंश|गुर्जर प्रतिहारों]] के लेखों में सर्वाधिक उल्लेखनीय [[मिहिर भोज]] का ग्वालियर अभिलेख है, जो एक प्रशस्ति के रूप में है। इसमें कोई [[तिथि]] अंकित नहीं है।<ref name="pp">{{cite web |url=https://samanyagyanedu.in/%e0%a4%85%e0%a4%ad%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%96-part-04/ |title=राजस्थान के अभिलेख|accessmonthday=22 दिसम्बर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= samanyagyanedu.in|language=हिंदी}}</ref>
*यह प्रतिहार वंश के शासकों की राजनीतिक उपलब्धियों और उनकी वंशावलियों को ज्ञात करने का मुख्य साधन है।
*यह प्रतिहार वंश के शासकों की राजनीतिक उपलब्धियों और उनकी वंशावलियों को ज्ञात करने का मुख्य साधन है।
*ग्वालियर प्रशस्ति, ग्वालियर नगर से एक किलोमीटर पश्चिम में स्थित सागर नामक स्थान से प्राप्त हुई है।
*ग्वालियर प्रशस्ति, ग्वालियर नगर से एक किलोमीटर पश्चिम में स्थित सागर नामक स्थान से प्राप्त हुई है।
Line 13: Line 13:
*लेख में राजाओं के नाम के साथ उनकी उपलब्धियों का वर्णन भी किया गया है।
*लेख में राजाओं के नाम के साथ उनकी उपलब्धियों का वर्णन भी किया गया है।


{{लेख प्रगति।आधार=।प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 ।माध्यमिक= ।पूर्णता= ।शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>

Latest revision as of 10:13, 22 December 2021

मिहिर भोज की ग्वालियर प्रशस्ति

  • गुर्जर प्रतिहारों के लेखों में सर्वाधिक उल्लेखनीय मिहिर भोज का ग्वालियर अभिलेख है, जो एक प्रशस्ति के रूप में है। इसमें कोई तिथि अंकित नहीं है।[1]
  • यह प्रतिहार वंश के शासकों की राजनीतिक उपलब्धियों और उनकी वंशावलियों को ज्ञात करने का मुख्य साधन है।
  • ग्वालियर प्रशस्ति, ग्वालियर नगर से एक किलोमीटर पश्चिम में स्थित सागर नामक स्थान से प्राप्त हुई है।
  • यह प्रशस्ति तिथिविहीन है लेकिन तत्कालीन नरेशों द्वारा राजनीतिक इतिहास के द्वारा इस की तिथि 880 ई. के लगभग बताई है।
  • यह प्रशस्ति विशुद्ध संस्कृत में लिखी गई है।
  • प्रशस्ति के लेख की लिपि उत्तरी ब्राह्मी लिपि है।
  • इस प्रशस्ति का लेखक भट्ट धनिक का पुत्र बालादित्य है।
  • यह लेख एक प्रस्तर पर उत्कीर्ण है जो प्रशस्ति के रूप में है। इस लेख में 17 श्लोक हैं।
  • ग्वालियर लेख का उद्देश्य गुर्जर प्रतिहार शासक वर्ग द्वारा विष्णु के मंदिर का निर्माण कराए जाने की जानकारी देना और साथ ही अपनी प्रशस्ति लिखवाना ताकि स्वयं को चिरस्थाई बना सकें।[1]
  • इस अभिलेख की चौथी पंक्ति से प्रतिहार वंश की वंशावली के बारे में सूचना प्रारंभ होती है।
  • लेख में राजाओं के नाम के साथ उनकी उपलब्धियों का वर्णन भी किया गया है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 राजस्थान के अभिलेख (हिंदी) samanyagyanedu.in। अभिगमन तिथि: 22 दिसम्बर, 2021।

संबंधित लेख