हरिहर प्रथम: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
(3 intermediate revisions by 2 users not shown)
Line 1: Line 1:
*[[संगम वंश]] के प्रथम शासक '''हरिहर प्रथम''' (1336-1485 ई.) ने अनेगोण्डी के स्थान पर प्राचीन नगर विजयनगर को अपनी राजधानी बनाया।
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=हरिहर|लेख का नाम=हरिहर (बहुविकल्पी)}}
*उसने बादामी, उदयगिरि एवं गूटी में स्थित दुर्गों को शक्तिशाली बनाया।
 
'''हरिहर प्रथम''' (1336-1355 ई.) संगम का पुत्र था। उसने अपने चार भाइयों की सहायता से, जिनमें [[बुक्का प्रथम|बुक्कराय प्रथम]] मुख्य था, 1336 ई. में [[तुंगभद्रा नदी]] के दक्षिणी तट पर [[विजयनगर साम्राज्य]] की स्थापना की।
 
*विजयनगर साम्राज्य की स्थापना में हरिहर प्रथम को दो [[ब्राह्मण]] आचार्यों, माधव विद्याराय और उसके ख्यातिप्राप्त भाई [[वेद|वेदों]] के भाष्यकार '[[सायण]]' से भी मदद मिली थी।
*हरिहर प्रथम ने अनेगोण्डी के स्थान पर प्राचीन नगर विजयनगर को अपनी राजधानी बनाया।
*[[बादामी]], [[उदयगिरि उड़ीसा|उदयगिरि]] एवं गूटी में स्थित दुर्गों को हरिहर प्रथम ने बेहद शक्तिशाली बना लिया था।
*हरिहर ने [[होयसल वंश|होयसल]] राज्य को अपने राज्य में मिलाया तथा [[कदम्ब]] एवं [[मदुरा]] पर विजय प्राप्त की|
*हरिहर ने [[होयसल वंश|होयसल]] राज्य को अपने राज्य में मिलाया तथा [[कदम्ब]] एवं [[मदुरा]] पर विजय प्राप्त की|
*कुमार कम्पन (या कम्पा) की पत्नी गंगा देवी ने अपने पति द्वारा मदुरा विजय का अपने ग्रन्थ ‘मदुरा विजयम’ में बड़ा सजीव वर्णन किया है।
*कुमार कम्पन (या कम्पा) की पत्नी गंगा देवी ने अपने पति द्वारा मदुरा विजय का अपने ग्रन्थ ‘मदुरा विजयम’ में बड़ा सजीव वर्णन किया है।
*उसने राज्य में [[कृषि]] विकास के लिए कार्य किया।
*विजयनगर राज्य में [[कृषि]] के विकास के लिए भी हरिहर प्रथम ने कई कार्य किये।
*1356 ई. में हरिहर का स्वर्गवास हो गया।
*सम्भवत: 1354-55 ई. में हरिहर प्रथम का का स्वर्गवास हो गया।
*हरिहर प्रथम को दो समुद्रो का अधिपति कहा जाता है।
*हरिहर प्रथम को "दो समुद्रो का अधिपति" कहा जाता है।
 
{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति
|आधार=
|प्रारम्भिक=
|माध्यमिक=प्रारम्भिक1
|पूर्णता=
|शोध=
}}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:विजयनगर साम्राज्य]]
[[Category:संगम वंश]]


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=|माध्यमिक=प्रारम्भिक1|पूर्णता=|शोध=}}
==संबंधित लेख==
{{संगम वंश}}
[[Category:विजयनगर साम्राज्य]][[Category:संगम वंश]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:मध्य काल]][[Category:चरित कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 11:09, 19 June 2013

चित्र:Disamb2.jpg हरिहर एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- हरिहर (बहुविकल्पी)

हरिहर प्रथम (1336-1355 ई.) संगम का पुत्र था। उसने अपने चार भाइयों की सहायता से, जिनमें बुक्कराय प्रथम मुख्य था, 1336 ई. में तुंगभद्रा नदी के दक्षिणी तट पर विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की।

  • विजयनगर साम्राज्य की स्थापना में हरिहर प्रथम को दो ब्राह्मण आचार्यों, माधव विद्याराय और उसके ख्यातिप्राप्त भाई वेदों के भाष्यकार 'सायण' से भी मदद मिली थी।
  • हरिहर प्रथम ने अनेगोण्डी के स्थान पर प्राचीन नगर विजयनगर को अपनी राजधानी बनाया।
  • बादामी, उदयगिरि एवं गूटी में स्थित दुर्गों को हरिहर प्रथम ने बेहद शक्तिशाली बना लिया था।
  • हरिहर ने होयसल राज्य को अपने राज्य में मिलाया तथा कदम्ब एवं मदुरा पर विजय प्राप्त की|
  • कुमार कम्पन (या कम्पा) की पत्नी गंगा देवी ने अपने पति द्वारा मदुरा विजय का अपने ग्रन्थ ‘मदुरा विजयम’ में बड़ा सजीव वर्णन किया है।
  • विजयनगर राज्य में कृषि के विकास के लिए भी हरिहर प्रथम ने कई कार्य किये।
  • सम्भवत: 1354-55 ई. में हरिहर प्रथम का का स्वर्गवास हो गया।
  • हरिहर प्रथम को "दो समुद्रो का अधिपति" कहा जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख