उत्तराषाढ़ा नक्षत्र: Difference between revisions

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उत्तराषाढ़ा [[नक्षत्र]] का स्वामी सूर्य है। इसका प्रथम चरण भू नाम से धनुराशि में आता है।
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*उत्तराषाढ़ा [[नक्षत्र]] का स्वामी सूर्य है।
*इसका प्रथम चरण भू नाम  से धनुराशि में आता है।
*राशि स्वामी गुरु है तो नक्षत्र स्वामी सूर्य है।  
*राशि स्वामी गुरु है तो नक्षत्र स्वामी सूर्य है।  
*उत्तराषाढ़ा में विश्वेदेवों का व्रत और पूजन किया जाता है।
*उत्तराषाढ़ा में विश्वेदेवों का व्रत और पूजन किया जाता है।
*उत्तराषाढ नक्षत्र के [[देवता]] रवि को माना जाता है।  
*उत्तराषाढ नक्षत्र के [[देवता]] रवि को माना जाता है।  
*कटहल के पेड को उत्तराषाढ नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और उत्तराषाढ नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग कटहल वृक्ष की पूजा करते है।  
*कटहल के पेड को उत्तराषाढ नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और उत्तराषाढ नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग कटहल वृक्ष की पूजा करते है।  
*इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में कटहल के पेड को लगाते है।
*इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में कटहल के पेड को लगाते हैं।




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Latest revision as of 07:25, 27 July 2012

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी सूर्य है। इसका प्रथम चरण भू नाम से धनुराशि में आता है।

अर्थ - विजय के पश्चात
देव - विश्वदेव

  • राशि स्वामी गुरु है तो नक्षत्र स्वामी सूर्य है।
  • उत्तराषाढ़ा में विश्वेदेवों का व्रत और पूजन किया जाता है।
  • उत्तराषाढ नक्षत्र के देवता रवि को माना जाता है।
  • कटहल के पेड को उत्तराषाढ नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और उत्तराषाढ नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग कटहल वृक्ष की पूजा करते है।
  • इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में कटहल के पेड को लगाते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख