आर्कटिक महासागर: Difference between revisions
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''' | '''उत्तर ध्रुवीय महासागर''' अथवा 'आर्कटिक महासागर ([[अंग्रेज़ी]]: ''Arctic Ocean'') [[पृथ्वी]] के उत्तरी गोलार्ध में स्थित है। इसका विस्तार अधिकतर आर्कटिक उत्तर ध्रुवीय क्षेत्र में है। विश्व के पाँच प्रमुख समुद्री प्रभागों अर्थात् पाँच [[महासागर|महासागरों]] में से यह सबसे छोटा और उथला महासागर है। 'अंतर्राष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन' (आई.एच.ओ.) इसको एक महासागर के रूप में स्वीकार करता है, जबकि कुछ महासागर विज्ञानी इसे 'आर्कटिक भूमध्य सागर' या केवल 'आर्कटिक सागर' कहकर ही सम्बोधित करते हैं। विज्ञानी आर्कटिक को 'अन्ध महासागर' के भूमध्य सागरों मे से एक मानते हैं। | ||
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यह महासागर लगभग पूरी तरह से यूरेशिया और [[उत्तरी अमेरिका]] से घिरा हुआ है। आर्कटिक महासागर आंशिक रूप से साल भर में समुद्री बर्फ से ढका रहता है और सर्दियों में लगभग पूर्ण रूप से बर्फ से आच्छादित हो जाता है। इस महासागर का [[तापमान]] और लवणता मौसम के अनुसार बदलती रहती है, क्योंकि इसकी बर्फ पिघलती और जमती रहती है। पाँच प्रमुख महासागरों में से इसकी औसत लवणता सबसे कम है, जिसका कारण कम वाष्पीकरण, नदियों और धाराओं से भारी मात्रा में आने वाला मीठा पानी और उच्च लवणता वाले महासागरों से सीमित जुड़ाव है, जिसके कारण यहाँ का पानी बहुत कम मात्रा में इन उच्च लवणता वाले महासागरों में बह कर जाता है। | यह महासागर लगभग पूरी तरह से यूरेशिया और [[उत्तरी अमेरिका]] से घिरा हुआ है। आर्कटिक महासागर आंशिक रूप से साल भर में समुद्री बर्फ से ढका रहता है और सर्दियों में लगभग पूर्ण रूप से बर्फ से आच्छादित हो जाता है। इस महासागर का [[तापमान]] और लवणता मौसम के अनुसार बदलती रहती है, क्योंकि इसकी बर्फ पिघलती और जमती रहती है। पाँच प्रमुख महासागरों में से इसकी औसत लवणता सबसे कम है, जिसका कारण कम वाष्पीकरण, नदियों और धाराओं से भारी मात्रा में आने वाला मीठा पानी और उच्च लवणता वाले महासागरों से सीमित जुड़ाव है, जिसके कारण यहाँ का पानी बहुत कम मात्रा में इन उच्च लवणता वाले महासागरों में बह कर जाता है। | ||
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thumb|250px|आर्कटिक महासागर thumb|250px|आर्कटिक महासागर उत्तर ध्रुवीय महासागर अथवा 'आर्कटिक महासागर (अंग्रेज़ी: Arctic Ocean) पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में स्थित है। इसका विस्तार अधिकतर आर्कटिक उत्तर ध्रुवीय क्षेत्र में है। विश्व के पाँच प्रमुख समुद्री प्रभागों अर्थात् पाँच महासागरों में से यह सबसे छोटा और उथला महासागर है। 'अंतर्राष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन' (आई.एच.ओ.) इसको एक महासागर के रूप में स्वीकार करता है, जबकि कुछ महासागर विज्ञानी इसे 'आर्कटिक भूमध्य सागर' या केवल 'आर्कटिक सागर' कहकर ही सम्बोधित करते हैं। विज्ञानी आर्कटिक को 'अन्ध महासागर' के भूमध्य सागरों मे से एक मानते हैं।
विस्तार
यह महासागर लगभग पूरी तरह से यूरेशिया और उत्तरी अमेरिका से घिरा हुआ है। आर्कटिक महासागर आंशिक रूप से साल भर में समुद्री बर्फ से ढका रहता है और सर्दियों में लगभग पूर्ण रूप से बर्फ से आच्छादित हो जाता है। इस महासागर का तापमान और लवणता मौसम के अनुसार बदलती रहती है, क्योंकि इसकी बर्फ पिघलती और जमती रहती है। पाँच प्रमुख महासागरों में से इसकी औसत लवणता सबसे कम है, जिसका कारण कम वाष्पीकरण, नदियों और धाराओं से भारी मात्रा में आने वाला मीठा पानी और उच्च लवणता वाले महासागरों से सीमित जुड़ाव है, जिसके कारण यहाँ का पानी बहुत कम मात्रा में इन उच्च लवणता वाले महासागरों में बह कर जाता है।
ग्रीष्म काल में यहाँ की लगभग 50% बर्फ पिघल जाती है। 'राष्ट्रीय हिम और बर्फ आँकड़ा केन्द्र', उपग्रह आँकड़ों का प्रयोग कर आर्कटिक समुद्री बर्फ आवरण और इसके पिघलने की दर के पिछले सालों के आंकड़ों के आधार पर एक तुलनात्मक दैनिक रिकॉर्ड प्रदान करता है।
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