गोविन्द सागर झील: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replacement - "शृंखला" to "श्रृंखला")
 
(2 intermediate revisions by one other user not shown)
Line 1: Line 1:
'''गोविन्द सागर झील''' [[चंडीगढ़]] से 108 कि.मी. दूर [[सतलुज नदी]] पर 'भाखड़ा नांगल बाँध' से बनी है। यह झील एक विशाल जलाशय है। यह [[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर ज़िले]] का एक महत्वपूर्ण स्थान है। गोविन्द सागर झील का नाम [[सिक्ख|सिक्खों]] के दसवें और अंतिम [[गुरु]] श्री '[[गुरु गोविन्द सिंह]]' जी के नाम पर रखा गया है।
'''गोविन्द सागर झील''' [[चंडीगढ़]] से 108 कि.मी. दूर [[सतलुज नदी]] पर 'भाखड़ा नांगल बाँध' से बनी है। यह झील एक विशाल जलाशय है। यह [[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर ज़िले]] का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। गोविन्द सागर झील का नाम [[सिक्ख|सिक्खों]] के दसवें और अंतिम [[गुरु]] श्री '[[गुरु गोविन्द सिंह]]' जी के नाम पर रखा गया है।
{{tocright}}
{{tocright}}
==झील की महत्ता==
==झील की महत्ता==

Latest revision as of 10:16, 9 February 2021

गोविन्द सागर झील चंडीगढ़ से 108 कि.मी. दूर सतलुज नदी पर 'भाखड़ा नांगल बाँध' से बनी है। यह झील एक विशाल जलाशय है। यह बिलासपुर ज़िले का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। गोविन्द सागर झील का नाम सिक्खों के दसवें और अंतिम गुरु श्री 'गुरु गोविन्द सिंह' जी के नाम पर रखा गया है।

झील की महत्ता

यह झील भारत के नक्शे पर सर्वोच्च स्थान रखती है। झील पर्यटन आदि के साथ-साथ कृषि के लिए भी अनमोल सिद्ध हुई है। इस झील से एक बहुत बड़े भू-भाग को सिंचाई आदि की सुविधा मिलने लगी है। यहाँ का भू-भाग एक परी लोक में परिवर्तित-सा हो गया प्रतीत होता है। सतलुज नदी पर बने बाँध के छिद्रों से झरने के रूप में झरता स्वच्छ पानी नेत्रों को शीतलता प्रदान करता है। गोविन्द सागर झील से 20 कि.मी. की दूरी पर 'नैना देवी मंदिर' स्थित है तथा पहाड़ी पर स्थित 'आनंदपुर साहिब' नामक सिक्खों का पवित्र तीर्थ स्थान है। हिन्दू और सिक्ख दोनों ही इसे पवित्र मानते हैं। अगस्त के महिने में नैना देवी के मंदिर पर विशाल मेला लगता है। तब हज़ारों की संख्या में भक्त यहाँ दर्शन करने के लिए आते हैं। अब गोविंद सागर झील जैसी वहाँ चार बड़ी झीलें और भी बन चुकी हैं, जिनके विकास की परियोजना चल रही हैं।

पर्यटन तथा खेल-दूद

अक्तूबर और नवम्बर में झील का जलस्तर चरम सीमा पर होता है। इस समय पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा नौका दौड़ की एक श्रृंखला आयोजित कराई जाती है। इस दौरान जल सम्बन्धी खेल, जैसे- वाटर स्कीइंग, नौकायन, कयाकिंग और जल स्कूटर रेसिंग इत्यादि खेल यहाँ करवाए जाते हैं। झील का पता लगाने के लिए स्पीड बोट और नौका सवारी जैसी सुविधाओं की एक विस्तृत श्रृंखला भी यहाँ उपलब्ध है। ठण्ड के प्रत्येक मौसम में पर्वतारोहण संस्थान यहाँ जल क्रीडा के उत्सव आयोजित करता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख